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आतंकवाद समर्थक देशों पर दबाव बनाने पर भारत, सऊदी अरब में बनी बात, 100 अरब डॉलर के निवेश पर सहमति

भारत और सऊदी अरब ने बुधवार को कहा कि ऐसे देशों पर 'हर संभव दबाव' बनाने की जरूरत है जो आतंकवादी गतिविधियों को समर्थन देते हैं.

Updated on: 21 Feb 2019, 12:07 AM

नई दिल्ली:

भारत व सऊदी अरब ने बुधवर को कहा कि ऐसे देशों पर 'हर संभव दबाव' बनाने की जरूरत है जो आतंकवदी गतिवधियों को समर्थन देते हैं. भारत और सऊदी अरब ने द्विवार्षिक शिखर सम्मेलन बैठकों और सामरिक भागीदारी परिषद के गठन पर भी सहमति जताई. हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत दौरे पर आए सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वर्ता के बाद मीडिया के साथ संयुक्त बातचीत में दोनों नेताओं में से किसी ने भी पाकिस्तान का संदर्भ नहीं दिया.

सऊदी प्रिंस का दो दिवसीय पाकिस्तान दौरा मंगलवर को ही समाप्त हुआ है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पुलवामा में 'बर्बर आतंकवदी हमला' आतंकवाद से मानवता को खतरे का एक अन्य साक्ष्य है. मोदी ने कहा, "हम मानते हैं कि इससे प्रभाव तौर पर निपटने के लिए ऐसे देशों पर हर संभव और दबाव बनाने की जरूरत है, जो आतंकवाद  को किसी तरह का समर्थन दे रहे हैं."

उन्होंने कहा कि आतंकवाद और ढांचे को तबाह करना, आतंकवदियों और उनके समर्थकों को सजा देना बेहद जरूरी है. मोदी ने कहा कि चरमपंथ से निपटने के लिए एक कार्ययोजना की जरूरत है ताकि आतंकवद और हिंसा से जुड़ी ताकतें युवओं को गुमराह न कर पाएं.

उन्होंने कहा, "मैं खुश हूं कि भारत और सऊदी अरब की इस पर एक जैसी सोच है." प्रिंस मोहम्मद ने अपनी टिप्पणी में चरमपंथ और आतंकवाद को दोनों देशों के लिए चिंता का विषय बताया और कहा कि सऊदी अरब, भारत के साथ पूरा सहयोग करेगा.

उन्होंने कहा, "जहां तक आतंकवद और चरमपंथ का मुद्दा है, यह हम दोनों की चिंता है. हम भारत को बताना चाहते हैं कि हम हर तरीके से आप के साथ सहयोग के लिए तैयार हैं. हम सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पड़ोस के सभी देशों के साथ कार्य करने के लिए तैयार हैं, जिससे आने वली पीढ़ियों का भविष्य सुरक्षित रहे."

प्रिंस मोहम्मद ने कहा कि भारत ने 100 अरब डॉलर से ज्यादा का निवेश प्रस्ताव दिया है और उनका देश दोनों देशों के लिए निवश को फायदेमंद बनाने के लिए काम करेगा.

उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध 'इतिहास से भी पुराने' हैं और हमारे खून में समाए हुए हैं. मोदी ने कहा कि सऊदी अरब 21वीं सदी में भारत के सबसे महत्ववपूर्ण सामरिक साझीदारों में है.

उन्होंने कहा, "यह हमारा करीबी दोस्त और भारत के ऊर्जा जरूरतों का एक प्रमुख स्रोत है. मैं खुश हूं कि आप के सुझाव के अनुसार हम द्विवार्षिक शिखर सम्मेलन बैठकों और सामरिक भागीदारी परिषद को लेकर सहमत हुए हैं. इससे हमारे संबंध मजबूत होंगे."

मोदी ने कहा कि दोनों देशों का पश्चिम एशिया और खाड़ी में स्थिरता और शांति सुनिश्चित करने में साझा हित है. मोदी ने कहा कि दोनों देशों ने अपने रक्षा सहयोग को बढ़ाने और वस्तार देने का भी फैसला किया है.

मोदी ने कहा कि व्यापार और पर्यटन को बढ़ाव देने के लिए सऊदी नागरिकों के लिए ई-वीजा सुवधा को वस्तार दिया जा रहा है. मोदी ने भारतीयों का हज कोटा बढ़ाने के लिए प्रिंस सलमान का आभार जताया.

मोदी ने इंटरनेशनल सोलर एलायंस में सऊदी अरब की भागीदारी का स्वावगत किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि 27 लाख भारतीयों की सऊदी अरब में उपस्थिति द्विवपक्षीय संबंधों की एक महत्ववपूर्ण कड़ी है.