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सेंटर स्टेट साइंस कॉन्क्लेव का उद्धाटनः PM बोले, विकास में साइंस ऊर्जा की तरह

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यानि शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गुजरात के अहमदाबाद में आयोजित सेंटर स्टेट साइंस कॉन्क्लेव का उद्घाटन किया.

Updated on: 10 Sep 2022, 01:04 PM

highlights

  • वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अहमदाबाद में आयोजित कॉन्क्लेव का उद्घाटन 
  • PM बोले,  भारत चौथी औद्योगिक क्रांति की अगुवाई करने की ओर बढ़ रहा
  • 21वीं सदी के भारत के विकास में विज्ञान ऊर्जा की तरह है

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने आज यानि शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (Video Confrencing) के जरिए गुजरात के अहमदाबाद (Ahmdabad) में आयोजित सेंटर स्टेट साइंस कॉन्क्लेव ( Centre State Science Conclave)  का उद्घाटन किया. यह कॉन्क्लेव दो दिवसीय है. पीएम मोदी ने इसका वर्चुअली उद्घाटन कर कहा कि आज भारत में नए-नए अविष्कार हो रहे हैं. भारत के विकास में साइंस ऊर्जा की तरह है. उन्होंने कहा कि सेंटर स्टेट साइंस कॉन्क्लेव यानी केंद्र राज्य विज्ञान सम्मेलन हमारे सबका प्रयास के मंत्र का एक उदाहरण है, आज भारत चौथी औद्योगिक क्रांति की अगुवाई करने की ओर बढ़ रहा है. भारत के विज्ञान और इस क्षेत्र से जुड़े लोगों की भूमिका काफी अहम रही है. 

पीएम मोदी ने कहा कि 21वीं सदी के भारत के विकास में विज्ञान उस ऊर्जा की तरह है, जिसमें हर क्षेत्र के विकास को हर राज्य में गति देने का सामर्थ्य है. उन्होंने आगे कहा कि इवोल्यूशन और इनोवेशन का आधार ही विज्ञान है. इस प्रेरणा से आज का नया भारत जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान के साथ ही जय अनुसंधान का आह्वान करते हुए आगे बढ़ रहा है.

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उन्होंने कहा कि पश्चिम में आंसटीन, फर्मी, मैक्स प्लांक, नील्स बोर, टेस्ला जैसे साइंटिस्ट अपने प्रयोगों के दम पर दुनिया को हैरान कर रहे थे. उसी दौर में सी वी रमन, जगदीश चंद्र बोस, सत्येंद्रनाथ बोस, मेघनाद साहा, एस चंद्रशेखर सहित कई वैज्ञानिक अपनी नई-नई खोज को सामने ला रहे थे. अगर हम बीते शताब्दी के  शुरुआती दशकों का स्मरण करते हैं, तो पाते हैं कि दुनिया में किस तरह से तबाही और त्रासदी का दौर जारी था. मगर उस दौर में भी बात चाहे ईस्ट की हो या वेस्ट की. हर जगह के वैज्ञानिक महान खोज में लगे थे. 

पीएम मोदी ने कहा कि जब हम सभी अपने वैज्ञनिकों की उपलब्धियों का जश्न मनाते हैं तो साइंस हमारे समाज का अंग बन जाती है. उसे पार्ट ऑफ कल्चल कहा जाता है. ऐसे में आज सबसे पहला आग्रह यह है कि हम अपने देश के वैज्ञानिकों की उपलब्धियों का जमकर जश्न मनाएं. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार विज्ञान से जुड़ी प्रगति की सोच पर काम कर रही है. वर्ष 2014 के बाद से साइंस और तकनीकी क्षेत्र में बढ़ोतरी हुई है.