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लौहपुरुष की जयंती पर बोले पीएम मोदी, हर देशवासियों के दिल में हैं सरदार पटेल

लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 146वीं जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्टैचू ऑफ यूनिटी पर एकता परेड आयोजन किया गया. इस मौके पर प्रधानमंत्री ने वीडियो संदेश के जरिये देश को संबोधित करते हुए सरदार पटेल को याद किया.

Updated on: 31 Oct 2021, 10:59 AM

highlights

  • सरदार वल्लभभाई पटेल की 146वीं जयंती मना रहा पूरा देश
  • पीएम मोदी ने वीडियो संदेश के जरिये देश को संबोधित किया
  • कहा-पटेल ने एक भारत, श्रेष्ठ भारत के लिए जीवन का हर पल समर्पित किया

नई दिल्ली:

लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 146वीं जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्टैचू ऑफ यूनिटी पर एकता परेड आयोजन किया गया. इस मौके पर प्रधानमंत्री ने वीडियो संदेश के जरिये देश को संबोधित करते हुए सरदार पटेल को याद किया. वीडियो संदेश के जरिए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राष्ट्र नायक सरदार वल्लभ भाई पटेल को आज पूरा देश अपनी श्रद्धांजलि दे रहा है. पीएम ने कहा कि एक भारत, श्रेष्ठ भारत के लिए जीवन का हर पल उन्होंने समर्पित किया. इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि सरदार पटेल सिर्फ इतिहास में ही नहीं हैं बल्कि हर देशवासियों के हृदय में हैं.

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पीएम मोदी ने कहा, आज सरदार पटेल की प्रेरणा से भारत, बाहरी और आंतरिक हर प्रकार की चुनौतियों से निपटने में पूरी तरह से सक्षम हो रहा है. उन्होंने कहा कि भारत सिर्फ एक भौगोलिक इकाई नहीं है बल्कि आदर्शों, संकल्पनाओं, सभ्यता-संस्कृति के उदार मानकों से परिपूर्ण राष्ट्र है. इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि धरती के जिस भू-भाग पर हम 130 करोड़ से अधिक भारतीय रहते हैं, वो हमारी आत्मा का, हमारे सपनों का, हमारी आकांक्षाओं का अखंड हिस्सा है. सरदार पटेल हमेशा चाहते थे कि भारत सशक्त हो, समावेशी भी हो, संवेदनशील हो और सतर्क भी हो, विनम्र हो, विकसित भी हो. मोदी ने कहा कि सरदार पटेल ने देशहित को हमेशा सर्वोपरि रखा.

पीएम ने कहा, ये अमृतकाल पटेल के सपनों के भारत के नवनिर्माण का है
आज़ाद भारत के निर्माण में सबका प्रयास जितना तब प्रासंगिक था, उससे कहीं अधिक आज़ादी के इस अमृतकाल में होने वाला है. आज़ादी का ये अमृतकाल विकास की अभूतपूर्व गति का है, कठिन लक्ष्यों को हासिल करने का है. ये अमृतकाल सरदार साहब के सपनों के भारत के नवनिर्माण का है. उन्होंने कहा कि आज से कई दशक पहले उस दौर में भी उनके आंदोलनों की ताकत ये होती थी कि उनमें महिला-पुरुष, हर वर्ग, हर पंथ की सामूहिक ऊर्जा लगती थी. आज जब हम एक भारत की बात करते हैं तो उस एक भारत का स्वरूप क्या होना चाहिए? - एक ऐसा भारत जिसकी महिलाओं के पास एक से एक अवसर हों.

देश को एक शरीर के रूप में देखते थे पटेल : पीएम
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरदार पटेल हमारे देश को एक शरीर के रूप में देखते थे, एक जीवंत इकाई के रूप में देखते थे. इसलिए उनके 'एक भारत' का मतलब ये भी था कि जिसमें हर किसी के लिए एक समान अवसर हों, एक समान सपने देखने का अधिकार हो. सरकार के साथ-साथ समाज की गतिशक्ति भी जुड़ जाए तो बड़े से बड़े संकल्पों की सिद्धि कठिन नहीं है. आज इसलिए भी जरूरी है कि जब भी हम कोई काम करें तो ये ज़रूर सोचें कि उसका हमारे व्यापक राष्ट्रीय लक्ष्यों पर क्या असर पड़ेगा.