भारत और बांग्लादेश के प्रधानमंत्रियों के बीच शनिवार को हुई मुलाकात के दौरान दोनों देशों के बीच कई अहम घोषणाओं के साथ 22 एमओयू (सहमति पत्र) पर हस्ताक्षर हुए। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने बांग्लादेश को 4.5 अरब डॉलर कर्ज देने की घोषणा भी की तो बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भी पीएम की जमकर तारीफ की। लेकिन इस पूरी बातचीत में दोनों देशों के बीच बेहद अहम माने जाने वाले तीस्ता जल समझौते पर कोई बड़ी बात नहीं हो पाई।
हालांकि दोनों देशों के बीच हुई बातचीत के बाद तीस्ता नदी के पानी के बंटवारे को लेकर जारी विवाद सुलझा लिए जाने की उम्मीद बढ़ गई है। पिछले सात सालों से इस समझौते पर कोई एक राय नहीं बन पाई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शेख हसीना को इस मामले में जल्द निपटारे का आश्वासन दिया है।
दोनों देशों के बीच अहम बिंदुओं पर लगभग 2 दर्जन समझौते किए गए। इन समझौतों में रक्षा और परमाणु सहयोग पर करार किए गए। पीएम मोदी ने दोनों देशों के बीच रिश्ते और भी गहरे करने की बात कही। उन्होंने बांग्लादेश के विकास के लिए 4.5 अरब डॉलर कर्ज देने की बात कही है।
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यही नहीं पीएम मोदी ने बांग्लादेश को सैन्य क्षमता बढ़ाने के लिए भी 50 करोड़ डॉलर कर्ज देने की बात की है। मोदी ने कहा कि यह कर्ज देश की जरुरत देखते हुए अन्य जगहों पर भी इस्तेमाल किया जा सकेगा।
लंबे समय से लटका पड़ा है तीस्ता जल समझौता
पीएम मोदी ने बांग्लादेश और भारत के बीच रिश्ते और भी मजबूत करने के लिए तीस्ता के पानी बंटवारे पर बांग्लादेश को आश्वासन दिया। पीएम ने कहा, 'जल्द ही इस मसले पर एक सटीक उपाय खोज निकाला जाएगा।' बता दें कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तीस्ता का पानी देने का विरोध किया था।
उनकी दलील थी कि तीस्ता का पानी देने से पश्चिम बंगाल के किसानों का नुकसान होगा। चूंकि यह बांग्लादेश के लिए भावनात्मक मुद्दा है इसलिए यह करार दोनों देशों के बीच बहुत अहम भूमिका अदा करेगा। पीएम ने कहा कि वह खुद इस मामले में ममता बनर्जी से बात करेंगे।
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Source : News Nation Bureau