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'गांधीजी के हत्यारे के पदचिन्हों पर चल रहा है केवीआईसी'

प्रधानमंत्री मोदी को लिखे एक पत्र में सिन्हा ने कहा, "इस मुद्दे को प्राथमिकता के आधार पर देखने के लिए मैं आपका ध्यान आकर्षित कर रहा हूं।"

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abhiranjan kumar
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'गांधीजी के हत्यारे के पदचिन्हों पर चल रहा है केवीआईसी'
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खादी ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के कैलेंडर व डायरी में महात्मा गांधी की जगह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर छापने की आलोचना करते हुए उत्कल गांधी स्मारक निधि के अध्यक्ष प्रहलाद कुमार सिन्हा ने कहा कि 'केवीआईसी गांधीजी के हत्यारे के पदचिन्हों पर चल रहा है।'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे एक पत्र में प्रहलाद कुमार सिन्हा ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की तस्वीर की जगह मोदी की तस्वीर लगाने की 'केवीआईसी की शर्मनाक करतूत' को 'चाटुकारिता' करार देते हुए इसकी जमकर निंदा की।

प्रधानमंत्री मोदी को लिखे एक पत्र में सिन्हा ने कहा, "इस मुद्दे को प्राथमिकता के आधार पर देखने के लिए मैं आपका ध्यान आकर्षित कर रहा हूं।"

उन्होंने कहा कि दुनिया जानती है कि महात्मा गांधी के सत्याग्रह आंदोलन की बदौलत ही देश को आजादी मिली और आजादी के आंदोलन के दौरान तिरंगे तथा चरखे ने करोड़ों देशभक्तों को प्रेरित किया था।

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उन्होंने लिखा कि खादी, ग्रामोद्योग, ग्राम स्वराज, निषेध, छुआछूत के खिलाफ लड़ाई, सांप्रदायिक सौहार्द जैसे गांधीजी के 18 सूत्री रचनात्मक कार्यक्रमों ने आजादी की लड़ाई की भावना को बलवती रखा और आजादी मिलने के बाद सरकार ने इन मूल्यों को जीवन का हिस्सा बनाने तथा प्रचार-प्रसार के लिए केवीआईसी की स्थापना की।

सिन्हा ने लिखा, "चाटुकारिता के तहत केवीआईसी ने इस साल महात्मा गांधी की तस्वीर को अपने कैलेंडर तथा डायरी से हटा दिया। इस कृत्य से गांधीजी का आदर करने वाले तथा उनके मूल्यों का सम्मान करने वाले करोड़ों लोगों की भावना को ठेस पहुंची है। इस बात का उल्लेख करना जरूरी है कि सन् 1980 में जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की स्थापना हुई थी, तब उसने गांधीवादी समाजवाद को अपनाया था।"

उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा, "भाजपानीत केंद्र सरकार का एक संस्थान महात्मा गांधी की तस्वीर हटाकर गांधीवादी मूल्यों का प्रचार-प्रसार करने के बजाय गांधीजी के हत्यारे के पदचिन्हों को अपना रहा है।"

सिन्हा ने कहा, "दुनिया गांधीजी की जयंती को अंतर्राष्ट्रीयअहिंसा दिवस के रूप में मनाती है। लेकिन, दुर्भाग्यवश उनके अपने देश में उनके मूल्यों को दफन करने की साजिशें चल रही हैं। गांधीजी तथा उनके सिद्धांत भारत तथा विदेशों में करोड़ों लोगों के दिलों में बसे हैं।"

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लोगो की भावनाओं को समझने तथा इस संबंध में तत्काल जरूरी कदम उठाने की अपील की।

(आईएएनएस इनपुट के साथ)

Source : News Nation Bureau

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