ISRO के वैज्ञानिकों से बोले पीएम मोदी- जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं, हिम्मत न हारें
चांद पर उतर रहे लैंडर विक्रम से भले ही संपर्क टूट गया, लेकिन सवा अरब भारतीयों की उम्मीदें नहीं टूटी हैं. इसरो की भी उम्मीदें अभी बरकरार हैं.
नई दिल्ली:
चांद पर उतर रहे लैंडर विक्रम से भले ही संपर्क टूट गया, लेकिन सवा अरब भारतीयों की उम्मीदें नहीं टूटी हैं. इसरो की भी उम्मीदें अभी बरकरार हैं. अभी डाटा का विश्लेषण किया जाएगा उसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है. हालांकि चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम के चंद्रमा की तरफ बढ़ने के दौरान उससे संपर्क टूट जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को इसरो के वैज्ञानिकों से कहा कि हिम्मत न हारें. आईएसटीआरएसी के नियंत्रण कक्ष में उदास वैज्ञानिकों के साथ बातचीत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "आपने अभी तक जो किया है, वह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है."
#WATCH PM Narendra Modi at ISRO: There are ups and downs in life. This is not a small achievement. The nation is proud of you. Hope for the best. I congratulate you. You all have done a big service to nation, science and mankind. I am with you all the way, move forward bravely. pic.twitter.com/Iig1a8EuKD
— ANI (@ANI) September 6, 2019
उन्होंने कहा, "राष्ट्र आप पर गौरवान्वित है. आप सभी ने देश की सेवा की है और विज्ञान व मानव की एक महान सेवा की है. पूरी हिम्मत के साथ आगे बढ़िए. मैं आपके साथ हूं, सर्वश्रेष्ठ की आशा रखिए." प्रधानमंत्री ने लैंडिंग देखने के लिए मौजूद विद्यार्थियों के साथ भी बातचीत की और उनके सवालों का धैर्य के साथ जवाब दिया. खुद पीएम मोदी ने कहा, देश को वैज्ञानिकों पर गर्व है. वैज्ञानिक देश की सेवा कर रहे हैं. आगे भी हमारी यात्रा जारी रहेगी. मैं पूरी तरह वैज्ञानिकों के साथ हूं. हिम्मत बनाए रखें, जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं.
बता दें सब कुछ सही चल रहा था कि अचानक विक्रम से पृथ्वी के कंट्रोल रूम से उसका संपर्क टूट गया. बता दें लैंडर विक्रम की पहले रात 1 बजकर 55 मिनट पर लैंडिंग होनी थी. इसका समय बदलकर 1 बजकर 53 मिनट कर दिया गया. इसके बाद पीएम मोदी के पास इसरो चेयरमैन डॉ के. सिवन आए और उनसे कुछ कहा. वैज्ञानिकों ने सिवन का हौसला बढ़ाते हुए उनकी पीठ थपथपाई.
इसके बाद सिवन ने बताया, 'लैंडर विक्रम की लैंडिंग प्रक्रिया एकदम ठीक थी. जब यान चांद के दक्षिणी ध्रुव की सतह से 2.1 किमी दूर था, तब उसका पृथ्वी से संपर्क टूट गया. हम ऑर्बिटर से मिल रहे डेटा का विश्लेषण कर रहे हैं.' अगर लैंडर विक्रम की लैंडिंग की पुष्टि हो जाती है तो सुबह 5 बजकर 19 मिनट पर रोवर प्रज्ञान बाहर आएगा, यह सुबह 5:45 पहली तस्वीर क्लिक करेगा.
जब लैंडिंग का यह समय भी बीत गया तो इसरो मुख्यालय में वैज्ञानिकों से लेकर वहां मौजूद हर शख्स के चेहरे पर तनाव नजर आने लगा. इसरो मुख्यालय के कंट्रोल रूम में मौजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विजिटर गैलरी से रवाना हो गए.
डॉ. सिवन की तरफ से संपर्क टूटने की घोषणा होने के बाद प्रधानमंत्री दोबारा वैज्ञानिकों के बीच लौटे. उन्होंने कहा- जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं. जो आपने किया, वो छोटा नहीं है. आगे भी हमारी कोशिशें जारी रहेंगी. देश को अपने वैज्ञानिकों पर गर्व है. मैं पूरी तरह वैज्ञानिकों के साथ हूं. आगे भी हमारी यात्रा जारी रहेगी. मैं आपके साथ हूं. हिम्मत के साथ चलें. आपके पुरुषार्थ से देश फिर से खुशी मनाने लग जाएगा. आपने जो कर दिखाया है, वह भी बहुत बड़ी उपलब्धि है.
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