पीएम मोदी ने की लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की वकालत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाने की वकालत की है। उन्होंने कहा कि लगातार चुनावों से खजाने पर बोझ पड़ता है और सरकार के कामों में भी रुकावट आती है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाने की वकालत की है। उन्होंने कहा कि लगातार चुनावों से खजाने पर बोझ पड़ता है और सरकार के कामों में भी रुकावट आती है।

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pradeep tripathi
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पीएम मोदी ने की लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की वकालत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाने की वकालत की है। उन्होंने कहा कि लगातार चुनावों से खजाने पर बोझ पड़ता है और सरकार के कामों में भी रुकावट आती है।

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एक निजी टीवी को दिए गए इंटरव्यू में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि लगातार चुनाव होते रहने के कारण देश के संघीय ढांचे को नुकसान पहुंचता है।

उन्होंने होली का उदाहरण देते हुए कहा कि होली में जिस तरह से रंग और कीचड़ दोनों फेंके जाते हैं। लेकिन वो एक ही दिन किया जाता है।

उन्होंने कहा, 'त्योहारों की तरह चुनाव भी निश्चित समय में कराए जाने चाहिये।'

जब उनसे पूछा गया कि उनकी सरकार का अंतिम बजट आने वाला है ऐसे में क्या 2019 के आम चुनाव की तैयारी माना जाए तो उन्होंने कहा कि ये बजट और चुनाव की बात नहीं है उनकी कोशिश देश का विकास है।

उन्होंने पिछली सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने सिर्फ चुनाव जीतने के लिये बजट पेश किये। उन्होंने कहा, 'मुझे मानता हूं कि हमे सरकार देश के हित के लिये चलाना चाहिये।'

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जातिवादी राजनीति से देश को नुकसान हो रहा है। ऐसी राजनीति से देश में दुर्भाग्य आता है, लेकिन सबका विकास उनकी सरकार का मंत्र है।

देश में बेरोज़गारी के मुद्दे पर उन्होंने कहा, 'हम सही दिशा में हैं, हम युवाशक्ति को ध्यान में रखकर काम कर रहे हैं। हम दुनिया में होने वाली जरूरतों के हिसाब से स्किल डिवेलपमेंट कर रहे हैं।'

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साथ ही उन्होंने कहा कि पिछले एक साल में संगठित क्षेत्र में 70 लाख ईपीएफ अकाउंट खुले हैं। साथ ही पिछले एक साल में 10 करोड़ लोगों ने मुद्रा योजना का लाभ उठाया है।

उन्होंने कहा कि हमारे साथ दिक्कत ये है कि ऑफिस के बाहर दुकान लगाने वाले दुकानदार की कमाई को रोजगार को आंकड़ों में शामिल नहीं किया जाता है।

जीएसटी और नोटबंदी पर पूछे गए एक सवाल पर उन्होंने कहा कि उनको सिर्फ नोटबंदी और जीएसटी के फैसले से न आंका जाए।

उन्होंने कहा, 'मेरा मूल्यांकन नोटबंदी और जीएसटी से न किया जाए। हमने आर्थिक सुधार लाए हैं, ट्वायलेट्स बनाए, 18000 गांवों में बिजली पहुंचाई है।'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार की उपल्धियां भी गिनाईं और कहा कि प्रशासन बेहतर तरीके से काम कर रहा है, जिसकी वजह से तीन करोड़ 30 लाख गैस कनेक्शन बांटे गए, नीम कोटिंग यूरिया को अमली जामा पहनाया गया, स्वास्थ्य क्षेत्र में स्टेंट की कीमत कम करने में सफलता हासिल की गई।

यह सब मोदी की वजह से नहीं, नौकरशाही के बेहतर तरीके से काम करने और टीम इंडिया की वजह से संभव हुआ है। समाचार चैनल जी न्यूज को दिए साक्षात्कार में मोदी ने कहा, 'बजट पहला हो और आखिरी बार हो, मोदी का एक ही मंत्र है बजट विकास पर केंद्रित होगी।'

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मोदी ने कहा, 'मेरे साथ सवा करोड़ देशवासियों की शक्ति है, यही शक्ति मुझे ऊर्जावान बनाए रखती है। देश के प्रति काम करने के जज्बे से हौसला बढ़ता है। यही इच्छा है कि गरीब की जिंदगी में बदलाव देखें, जो भी काम करें जी-जान से करें।'

दावोस में होने वाले आर्थिक शिखर सम्मेलन के मुद्दे पर मोदी ने कहा, 'दावोस एक तरह से अर्थजगत की बड़ी पंचायत बन गया है।

उन्होंने कहा, 'भारत के लिए बहुत बड़ा अवसर है। भारत एक बहुत बड़ा मार्केट तो है ही। लेकिन भारत एक बहुत बड़ा जनसांख्यिकी लाभांश वाली शक्ति है। आजादी के बाद एफडीआई का इतना बड़ा जंप कभी नहीं हुआ। स्वाभाविक है कि विश्व भारत से सीधा संवाद करना चाहता है। सवा सौ करोड़ देशवासियों ने लगातार प्रगति की है। देशवासियों की सिद्धियों को दुनिया के सामने रखने में गर्व होगा। भारत की पहचान बनी है। उसका लाभ लेने की बात करनी चाहिए।'

विदेशी निवेश 36 अरब से 60 अरब पहुंच जाने के मुद्दे पर मोदी ने कहा, 'सबसे बड़ी बात है कि भारत में 30 साल के बाद एक पूर्ण बहुमत की सरकार है। विश्व इसलिए स्वीकार कर रहा है, क्योंकि भारत घर में अच्छा कर रहा है। आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से नीतियों, गुड गवर्नेस की दृष्टि से हर क्षेत्र में ठोस कदम उठा रहे हैं। इसका प्रभाव दुनिया पर जरूर होता है। आपने देखा कि जब ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में हम अच्छा करते हैं, तो दुनिया इसे समझती है।'

पुतिन, ट्रंप के साथ खड़े होने पर किसी प्रकार के तनाव में होने के सवाल के जवाब में मोदी ने कहा, 'मैं दुनिया के कितने ही बड़े ताकतवर नेता के बगल में खड़ा हूं। मैं दुनिया के कितने ही संपन्न देश के मुखिया के बगल में खड़ा हूं। हर पल मेरे दिमाग में यही होता है कि यह जो खड़ा है, वह मोदी नहीं है, इस सवा सौ करोड़ देशवासियों का प्रतिनिधि है। और मैं हर बार सवा सौ करोड़ देशवासियों की ताकत को अपने में भरकर जीता हूं। इसलिए यही मिजाज में रहता है।'

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Source : News Nation Bureau

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