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PM Modi ने महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर दी श्रद्धांजलि, सोनिया के साथ खड़गे राजघाट पहुंचे 

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने महात्मा गांधी की जयंती के मौके पर उन्हें कर्नाटक के मैसूर में श्रद्धांजलि दी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज खास मौके पर स्वच्छ भारत दिवस समारोह में छह पुरस्कार भी देंगी

Updated on: 02 Oct 2022, 09:49 AM

नई दिल्‍ली:

देश आज राष्ट्रपति महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्‍त्री की जयंती मना रहा है. उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए राजघाट और विजय घाट पर लोगों का तांता लगा है. यहां पर गणमान्‍य व्‍यक्तियों के आने का भी सिलसिला लगा हुआ है. सबसे पहले राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu), उपराष्‍ट्रपति जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar), प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने उन्हें पुष्प चढ़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित की. इस दौरान कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के साथ वरिष्‍ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे राजघाट पहुंचे. खड़गे कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में शामिल दो उम्मीदवारों में से सबसे अहम माने जा रहे हैं. वहीं दूसरे उम्मीदवार के रूप में शशि थरूर की भी दावेदारी है. 

 

मतदान से पहले सोनिया गांधी और खड़गे का साथ दिखना ऐसा प्रतीत होता है कि अध्यक्ष पद के लिए उनकी दावेदारी मजबूत है. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने महात्मा गांधी की जयंती के मौके पर उन्हें कर्नाटक के मैसूर में श्रद्धांजलि दी.

पीएम मोदी ने खादी खरीदने की अपील की

प्रधानमंत्री मोदी ने बापू को खास तरह से श्रद्धांजलि दी. इस दौरान उन्होंने लोगों से खादी तथा हस्तशिल्प उत्पाद को खरीदने का अनुरोध किया. उन्होंने भारत के दूसरे पीएम लाल बहादुर शास्त्री को भी याद करते हुए कहा कि उनकी सादगी तथा निर्णय क्षमता के लिए देश भर में उनकी सराहना की जाती है. पीएम मोदी राजघाट स्थित बापू की समाधि स्थल पर पहुंचे. उन्होंने पुष्प अर्पित करते हुए श्रद्धांजलि दी. 

 

राष्ट्रपति आज छह स्वच्छता पुरस्कार देंगी

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज खास मौके पर स्वच्छ भारत दिवस समारोह में छह पुरस्कार भी देंगी. केंद्र सरकार के  दो अहम कार्यक्रमों. स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण (एसबीएमजी) और जल जीवन मिशन (जेजेएम) किया जा रहा है.  स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण की शुरुआत दो अक्टूबर 2014 से शुरू हुई. इसका मकसद खुले में शौच  पर रोक लगाना था. इसके पांच साल बाद सभी गांव खुले में शौच से मुक्त घोषित कर दिए गए.