दिल्ली में आसियान राष्ट्राध्यक्षों से PM मोदी की मुलाकात, चीन ने कहा-कोई चिंता नहीं

लुक ईस्ट पॉलिसी से एक्ट ईस्ट दिशा में कदम बढ़ाते हुए गणतंत्र दिवस समारोह से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नई दिल्ली में आसियान (दक्षिण पूर्व एशियाई देशों का संगठन) देशों के राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात की।

लुक ईस्ट पॉलिसी से एक्ट ईस्ट दिशा में कदम बढ़ाते हुए गणतंत्र दिवस समारोह से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नई दिल्ली में आसियान (दक्षिण पूर्व एशियाई देशों का संगठन) देशों के राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात की।

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Abhishek Parashar
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दिल्ली में आसियान राष्ट्राध्यक्षों से PM मोदी की मुलाकात, चीन ने कहा-कोई चिंता नहीं

नई दिल्ली में आसियान राष्ट्राध्यक्षों के साथ पीएम मोदी (फाइल फोटो)

'लुक ईस्ट' पॉलिसी से 'एक्ट ईस्ट' दिशा में कदम बढ़ाते हुए गणतंत्र दिवस समारोह से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नई दिल्ली में आसियान (दक्षिण पूर्व एशियाई देशों का संगठन) देशों के राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात की।

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वहीं चीन ने भारत में एक साथ आसियान देशों के राष्ट्राध्यक्षों की मौजूदगी और उनकी प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात पर बेहद सधी हुई प्रतिक्रिया दी है।

भारत ने इस बार गणतंत्र दिवस के मौके पर थाईलैंड, इंडोनेशिया, सिंगापुर, ब्रूनेई, लाओस, म्यांमार, कंबोडिया, मलेशिया, फिलीपींस और वियतनाम के राष्ट्राध्यक्षों को एक साथ विशेष अतिथि बनाया है।

आसियान देशों के साथ भारत के संबंधों के 25 साल पूरा होने के मौके पर दिल्ली में यह बैठक वैसे समय में हुई है, जब इस क्षेत्र में चीन की बढ़ती आर्थिक और सैन्य ताकत चिंता का विषय बनी हुई है।

आसियान के दसों देश दक्षिण चीन सागर में चीन के बढ़ते दखल को चुनौती देते रहे हैं, जिस पर बीजिंग लगातार दावा ठोंकता रहा है।

दिल्ली में हुई इस बैठक को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा, 'भारत आसियान के साथ नियम आधारित समाज और शांति की भावना को साझा करता है। हम समुद्री क्षेत्र में आसियान देशों के साथ सहयोग बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।'

भारत-आसियान संबंधों में आई जबरदस्त मजबूती का उल्लेख करते हुए पीएम ने कहा, 'आप सभी की मौजूदगी सभी भारतीयों के दिल को छूने वाली घटना है।'

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मोदी ने कहा, 'हमारी रणनीतिक साझेदारी आसियान को भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी के केंद्र में रखती है। हमारी दोस्ती साझी संस्कृति और सभ्यता के बंधनों से बंधी है।'
भारत के इस कदम को चीन के क्षेत्र में बढ़ते प्रभाव को नई दिल्ली के जवाब के तौर पर देखा जा रहा है।

चीन ने कहा कि उसे भारत के दस सदस्यीय गुट के साथ बढ़ते मित्रता व सहयोग पर कोई आपत्ति नहीं है। यह मीडिया के एक वर्ग की उपज है।

विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा, 'सभी देशों के मित्रवत संबंध विकसित करने को लेकर चीन खुली सोच रखता है। इसलिए भारत के आसियान देशों के साथ मित्रवत व सहयोगी संबंधों को लेकर हमें आपत्ति नहीं है।'

हुआ ने कहा, 'हमें उम्मीद है कि सभी देश साथ मिलकर शांति, स्थिरता व क्षेत्र के लिए काम कर सकते हैं। हम सभी इस संदर्भ में एक रचनात्मक भूमिका निभा सकते हैं।'
जानकारों का कहना है कि भारत की मंशा इस गुट के साथ संबंधों को मजबूत करने के साथ चीन के क्षेत्र में बढ़ते प्रभुत्व से मुकाबला करने की भी है।

चीन धीरे-धीरे इस गुट के अपने शत्रुओं वियतनाम व फिलीपींस पर जीत हासिल कर रहा है। वियतनाम व फिलीपींस विवादित दक्षिण चीन सागर में अपना दावा करते हैं।
इस पर अपनी राय देते हुए हुआ ने कहा कि यह मीडिया की रचना है।

हुआ ने कहा, 'हाल के दिनों में कुछ भारतीय मीडिया ने एक आदत बना ली है। उन्होंने अपने घरेलू मामलों को चीन के साथ जोड़ दिया है।'

उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं पता कि भारतीय नेतृत्व इस बारे में क्या सोचता है। लेकिन मैं कहना चाहती हूं कि भारतीय मीडिया आश्वस्त नहीं है और वे हम पर विश्वास नहीं करते हैं।'

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HIGHLIGHTS

  • गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर नई दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी ने की आसियान राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात
  • आसियान देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात पर चीन ने दी सधी प्रतिक्रिया

Source : News Nation Bureau

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