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Mann ki Baat में पीएम मोदी ने मेजर ध्यानचंद्र जयंती समेत इन मुद्दों पर चर्चा की

पीएम मोदी ने कहा कि हम सबको पता है आज मेजर ध्यानचंद जी की जन्म जयंती है. और हमारा देश उनकी स्मृति में इसे राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाता भी है. क्योंकि दुनिया में भारत की हॉकी का डंका बजाने का काम ध्यानचंद जी की हॉकी ने किया था.

Updated on: 29 Aug 2021, 11:52 AM

नई दिल्ली :

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' (Mann ki baat)  की. पीएम मोदी के मन की बात का यह 80वां संस्करण था. पीएम मोदी ने मेजर ध्यानचंद्र को उनकी जयंती पर याद किया. पीएम मोदी ने कहा कि हम सबको पता है आज मेजर ध्यानचंद जी की जन्म जयंती है. और हमारा देश उनकी स्मृति में इसे राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाता भी है. क्योंकि दुनिया में भारत की हॉकी का डंका बजाने का काम ध्यानचंद जी की हॉकी ने किया था.उन्होंने कहा कि कितने ही पदक क्यों न मिल जाएं, लेकिन जब तक हॉकी में पदक नहीं मिलता भारत का कोई भी नागरिक विजय का आनंद नहीं ले सकता है और इस बार ओलंपिक में हॉकी का पदक मिला, चार दशक के बाद मिला. यह देखकर मेजर ध्यानचंद की आत्मा कितनी खुश हुई होगी. उन्होंने कहा कि खेलकूद को आगे बढ़ाना होगा. इसके साथ ही पीएम मोदी ने जन्माष्टमी, संस्कृत भाषा और विश्वकर्मा पूजा का जिक्र करते हुए इनकी अहमियत को बताया. पीएम मोदी ने स्वच्छता अभियान का भी जिक्र करते हुए कहा कि यह मंत्र धीमा नहीं पड़ना चाहिए. स्वच्छता अभियान को और तेजी से आगे बढ़ाए. 

पीएम मोदी ने कार्यक्रम का समापन यह कहते हुए किया हमेशा की तरह, जब भी आप कुछ नया करें, नया सोचें, तो उसमें मुझे भी जरूर शामिल करिएगा. मुझे आपके पत्र और messages का इंतज़ार रहेगा. इसी कामना के साथ, आप सभी को आने वाले पर्वों की एक बार फिर ढेरों बधाईयां.

 

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पीएम मोदी ने भगवान विश्वकर्मा को याद कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इसी महीने 17 सितंबर को विश्वकर्मा पर्व आने वाला है. भगवान विश्वकर्मा को हमारे यहाँ विश्व की सृजन शक्ति का प्रतीक माना गया है. सारे हुनरमंद विश्वकर्मा ही है. स्किल की वजह से देश का निर्माण हो रहा है. हुनरमंद होने का गर्व होना चाहिए. हुनरमंद को सम्मान देना चाहिए. तभी हमारी विश्वकर्मा पूजा सार्थक होगी. आइए इस बार हम विश्वकर्मा की पूजा के साथ-साथ उनके संदेश को भी अपना का काम करे. हम स्किल को अपनाए. हुनरमंदों को सम्मान दें. 

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पीएम मोदी ने कहा कि विदेश में कई जगहों पर संस्कृत भाषा पढ़ाई जाती है. कई विदेशी इसका प्रचार प्रसार कर रहे हैं. संस्कृत को लेकर नई जागरूकता आई है.

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पीएम मोदी ने संस्कृत का जिक्र करते हुए कहा कि संस्कृत भाषा का प्रचार-प्रसार पूरी दुनिया में हो रहा है. हमारी संस्कृत भाषा सरल और सरस है.

calenderIcon 11:19 (IST)
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पीएम मोदी ने कहा कि स्वच्छता अभियान को रुकने नहीं देना है. इंदौरा ने स्वच्छता में नई पहचान बनाई है. मधुबनी में गोबर खाद बनाया जा रहा है. स्वच्छता का मंत्र धीमा नहीं पड़ना चाहिए. 

calenderIcon 11:19 (IST)
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पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया भर के लोग हमारे अध्यात्म के बारे में सोच रहे हैं. हमारे हर पर्व में संदेश है, संस्कार है. विज्ञान है. हमें इसे जानना भी है, जीना भी है और आने वाली पीढ़ियों के लिए विरासत के रूप में उसे आगे बढ़ाना भी है.

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पीएम मोदी ने आगे कहा कि आज का युवा मन बने बनाए रास्तों पर चलना नहीं चाहता है. वो नए रास्ते बनाना चाहता है. unknown जगह पर कदम रखना चाहता है.मंजिल भी नयी, लक्ष्य भी नए, राह भी नयी और चाह भी नयी, अरे एक बार मन में ठान लेता हैं न युवा, जी-जान से जुट जाता है. दिन-रात मेहनत कर रहा है.

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पीएम मोदी ने आगे कहा कि सोमनाथ मंदिर से 3-4 किलोमीटर दूरी पर ही भालका तीर्थ है, ये भालका तीर्थ वो है जहाँ भगवान श्री कृष्ण ने धरती पर अपने अंतिम पल बिताये थे। एक प्रकार से इस लोक की उनकी लीलाओं का वहां समापन हुआ था.

calenderIcon 11:10 (IST)
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पीएम मोदी ने आगे कहा कि कल जन्माष्टमी का त्योहार है. हम बालकृष्ण से लेकर गीता का ज्ञान देने वाले कन्हैया को जानते हैं. 

calenderIcon 11:09 (IST)
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मन की बात में पीएम मोदी ने कहा कि मेजर ध्यानचंद जैसे लोगों ने जो राह दिखाई है उसपर हमें चलाना चाहिए. वर्षों बाद ऐसा वक्त आया है जहां पूरा देश एक मन से जुट रहे हैं. हमें इस मौके का फायदा उठाते हुए अलग-अलग खेल में महारात हासिल करना होगा. गाँव-गाँव खेलों की स्पर्धाएँ निरंतर चलती रहनी चाहिये. आइए हम सभी देश वासी इस मोमेंट को जितना आगे बढ़ा सकते हैं, जितना योगदान दे सकते हैं. सबका प्रयास से इसे करके दिखाते हैं.

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पीएम मोदी ने कहा कि देश का युवा मन सर्वोत्तम करना चाहता है. खेल के प्रति उनका आकर्षण बढ़ रहा है. देश के युवा कुछ अलग करना चाहते हैं. देश को इससे नई गति मिलेगी. ओलंपिक में जो भारत के युवाओं ने कर दिया वो विश्व के पटल पर कम होगा. लेकिन विश्वास भरने के लिए बहुत है. देश का युवा रिस्क लेना सीख रहे हैं. हर परिवार में खेल की चर्चा हो रही है. क्या इसे रुकने देना चाहिए. जी नहीं अब देश में खेल, खेलकूद रूकना नहीं चाहिए. सबका प्रयास जरूरी है. 

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41 साल बाद हॉकी में फिर से जान आई है. ओलंपिक में पदक जीतकर मेजर ध्यानचंद को सच्ची श्रद्धांजलि दी गयी.मेजर ध्यानचंद जी की आत्मा कितना खुश हो रहा होगा ये देखकर.

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पीएम मोदी ने ध्यानचंद जयंती पर उन्हें मन की बात में कर रहे हैं याद. इस समय मेजर ध्यानचंद जी की आत्मा जहां भी होगी, बहुत ही प्रसन्नता का अनुभव करती होगी क्योंकि दुनिया में भारत की हॉकी का डंका बजाने का काम ध्यानचंद जी की हॉकी ने किया था

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मन की बात पीएम मोदी ने शुरू की. पीएम मोदी ने कहा कि मेरे प्यारे देशवासियों, नमस्कार. हम सबको पता है आज मेजर ध्यानचंद जी की जन्म जयंती है और हमारा देश उनकी स्मृति में इसे राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाता भी है.