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वाराणसी से पीएम मोदी ने की आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन की शुरुआत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को सिद्धार्थनगर और वाराणसी के दौरे पर कई योजनाओं का शुभारंभ किया. यूपी को 9 मेडिकल कॉलेज की सौगात दी गई.  

Updated on: 25 Oct 2021, 02:49 PM

वाराणसी:

प्रधानमंत्री नरेन्द्र ने सोमवार को अपने सिद्धार्थनगर और वाराणसी  दौरे पर पहुंचे. उन्होंने वाराणसी में 5200 करोड़ से अधिक की योजनाओं का शुभारंभ किया. पीएम मोदी ने वाराणसी में  आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन लॉन्च किया. यह सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना है. इससे पहले सिद्धार्थनगर में मोदी ने नौ चिकित्सा महाविद्यालयों का उद्घाटन किया. प्रधानमंत्री मोदी ने अपने दौरे पर विपक्ष पार्टियों पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि आजादी के बाद लंबे समय तक स्वास्थ्य के क्षेत्र में ध्यान नहीं दिया गया. पीएम मोदी यह भी पूछा कि क्या कभी किसी को याद पढ़ता है कि उत्तर प्रदेश के इतिहास में कभी एक साथ इतने मेडिकल कॉलेज का लोकार्पण हुआ हो?

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आजादी के बाद के लंबे कालखंड में आरोग्य पर, स्वास्थ्य सुविधाओं पर उतना ध्यान नहीं दिया गया, जितनी देश को जरूरत थी. देश में जिनकी लंबे समय तक सरकारें रहीं, उन्होंने देश के हेल्थकेयर सिस्टम के संपूर्ण विकास के बजाय, उसे सुविधाओं से वंचित रखा. मोदी ने कहा कि सीएम योगी की सरकार से पहले जो सरकार थी उसने अपने कार्यकाल में उत्तर प्रदेश में सिर्फ 6 मेडिकल कॉलेज बनवाए थे. सीएम योगी के कार्यकाल में 16 मेडिकल कॉलेज शुरू हो चुके हैं और 30 नए मेडिकल कॉलेजों पर तेजी से काम चल रहा है. जिन मेडिकल कॉलेज की पीएम मोदी ने सौगात दी वह कॉलेज सिद्धार्थनगर, एटा, हरदोई, प्रतापगढ़, फतेहपुर, देवरिया, गाजीपुर, मिर्जापुर और जौनपुर जिलों में स्थित हैं.

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मोदी ने आगे कहा कि पिछली सरकारों में सालों-साल तक बिल्डिंग नहीं बनती थी, बिल्डिंग होती थी तो मशीनें नहीं होती थी. दोनों होते थे तो डॉक्टर-स्टाफ नहीं होते थे. वहीं गरीबों को लूटने वाली भ्रष्टाचार की 'साइकिल' 24 घंटे घूमती रहती थी. दवाई में भ्रष्टाचार, एंबुलेंस भ्रष्टाचार, नियुक्ति में भ्रष्टाचार, पोस्टिंग में भ्रष्टाचार. इससे कुछ परिवारवादियों का तो भला हुआ. लेकिन इसमें पूर्वांचल का फायदा नहीं हुआ.

क्या है आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन
अगले 5 सालों में इस योजना में 64000 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इसके तहत जिला स्तर पर आईसीयू, वेंटिलेटर आदि की सुविधा सहित 37 हजार बेड्स विकसित किए जाएंगे. इससे इलाज जिले में ही मिल सकेगा और इलाज के खर्च में बचत होगी. इसके अलावा 4 हजार लैब्स बनाई जाएंगी. मिशन में संक्रामक रोगों पर विशेष फोकस है. योजना के तहत हेल्थ यूनिट्स को विकसित किया जाएगा.