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PM मोदी ने एक तीर से साधे कई निशाने, चीन-पाक सीमा के पास जाकर दिया ये संदेश समझिए

पीएम मोदी ने दुनिया को दिखा दिया है कि वह भले ही अपने पड़ोसी देशों को सैन्य ताकत दिखाकर धमकाता हो लेकिन भारत के आगे उसकी दाल गलने वाली नहीं है.

Updated on: 03 Jul 2020, 03:18 PM

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अचानक लेह दौरे ने सभी को चौंका दिया है. पीएम मोदी न सिर्फ घायल जवानों से मिले बल्कि एलएसी के पास जवानों को संबोधित भी किया. पहले रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को लेह जाना था लेकिन ऐन मौके पर उनका कार्यक्रम रद्द कर जब पीएम मोदी लेह पहुंचे और फिर लद्दाख के नीमू जाने की खबर आई तो ये साफ हो गया कि भारत बैकफुट पर नहीं खेलेगा. एक तरफ चीन और दूसरी तरफ पाकिस्‍तान ने बॉर्डर पर जैसी घेराबंदी के इरादे जताए हैं, उसे देखते हुए पीएम मोदी ने लेह-लद्दाख के दौरा कर एक तीर से कई शिकार किए हैं.

LAC और LOC, दोनों के नजदीक है नीमू
यहां गौर करने वाली बात यह है कि पीएम मोदी जिस नीमू बेस कैम्‍प पर गए, वो जगह भारत-चीन सीमा से ज्‍यादा दूर नहीं. इस कैंप के पूर्व में एलएसी है तो वहीं पश्चिम में एलओसी. इस जगह का चुनाव इसीलिए किया गया जिससे चीन और पाकिस्तान दोनों को यह साफ संदेश जाए कि भारत का राजनीतिक नेतृत्‍व सामने से मुकाबला करता है.

जनता को संदेश, सरकार जवानों के साथ
प्रधानमंत्री के इस दौरे ने देश की जनता को यह संदेश देने की कोशिख की है कि सरकार पूरी तरह से सैनिकों के साथ खड़ी है. गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में 20 सैनिकों की शहादत के बाद से जनता में चीन के खिलाफ भारी गुस्सा है. प्रधानमंत्री ने लोगों को संदेश देने की कोशिश की कि सरकार सैनिकों के साथ है और सेना दुश्मन को कड़ा संदेश देने के लिए तैयार है.  

चीन को दिया साफ संदेश
प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे ने चीम को भी साफ संदेश दे दिया है कि भारत लद्दाख से किसी भी क्षेत्र में घुसपैठ को बर्दाश्त नहीं करेगा. जिस तरह से सैनिकों के साथ पीएम मोदी ने बातचीत की, उससे साफ है कि भारत ने चीन के साथ बातचीत का रास्‍ता खुला छोड़ा है मगर किसी भी आक्रामक कार्रवाई का करारा जवाब देने को तैयार है. पीएम मोदी के नीमू दौरे से चीन को मिर्ची लगी है. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्रधानमंत्री के दौरे के बीच में ही चीन के विदेश मंत्रालय का बयान भी आ गया. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता ने कहा कि 'किसी को भी ऐसा काम नहीं करना चाहिए जिससे तनाव और बढ़े.'  

पाकिस्तान को संदेश, चीन से बना दे दूरी
चीन के साथ जारी तनातनी के बीच हाल में खबरें आई थी कि एलएसी पर तनाव के बीच उसने एलओसी पर फोर्स मूव कराई है, भारत भी टू-फ्रंट वॉर के लिए तैयार हो गया है. ऐसे में पीएम मोदी का नीमू जाना पाकिस्‍तान को भी साफ संदेश है कि वो चीन के चक्‍कर में भारत से पंगा न ले, वर्ना फिर से मुंह की खाएगा. इन्हीं पहाड़ी इलाकों में 1999 के करगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तानी फौज बुरी तरह मात खा चुकी है.