PM मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और लोगों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी
आमतौर पर इस दिन वहां आतिशबाजी, परेड, कार्निवल और मेले आयोजित किए जाते हैं. लोग हाथों में अमेरिका का झंडा लिए बड़ी संख्या में इन कार्यक्रमों में शामिल होते हैं. लेकिन इस बार कोरोना वायरस के मद्देनजर ऐसे कार्यक्रम नहीं हो पा रहे हैं. हालांकि, लोगों के उत्साह में कमी नहीं दिख रही है.
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और अमेरिका के लोगों को उनके 245वें स्वतंत्रता दिवस पर बधाई देते दी. पीएम मोदी ने बधाई देते हुए कहा, एक जीवंत लोकतंत्र के रूप में, भारत और अमेरिका स्वतंत्रता और स्वतंत्रता के मूल्यों को साझा करते हैं. हमारी रणनीतिक साझेदारी का वास्तव में वैश्विक महत्व है. दरअसल, वर्ष 1776 में ब्रिटेन से आजादी पाने के बाद अमेरिका में हर साल 4 जुलाई को स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है. इस दिन पूरे देश में अवकाश रहता है. इस दिन 18वीं सदी में ब्रिटेश के शासन से 13 अमेरिकी उपनिवेशों को स्वतंत्रता मिली थी. अमेरिकी लोग आम भाषा में इस दिन को 'फॉर्थ ऑफ जुलाई' कहकर पुकारते हैं. अमेरिकी लोग इस दिन को बड़े धूमधाम के साथ मनाते हैं.
आमतौर पर इस दिन वहां आतिशबाजी, परेड, कार्निवल और मेले आयोजित किए जाते हैं. लोग हाथों में अमेरिका का झंडा लिए बड़ी संख्या में इन कार्यक्रमों में शामिल होते हैं. लेकिन इस बार कोरोना वायरस के मद्देनजर ऐसे कार्यक्रम नहीं हो पा रहे हैं. हालांकि, लोगों के उत्साह में कमी नहीं दिख रही है. अमेरिका का इंडिपेंडेंस डे पर परेड और बारबेक्यू का आयोजन किया जाता है. अमेरिकीवासी इस दिन लाल, सफेद और नीले रंग के कपड़े भी पहनते हैं. इसके अलावा अमेरिकी इतिहास और परंपरा में आतिशबाजी को स्वतंत्रता दिवस समारोह का बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है.
भारत की तरह अमेरिका भी ब्रिटिशर्स का गुलाम रहा है. ब्रिटिशर्स ने अमेरिका में भी लोगों पर खूब अत्याचार किया है. इसका परिणाम ये हुआ कि ब्रिटिशर्स और मूल अमेरिकियों के बीच धीरे-धीरे टकराव बढ़ने लगा. लंबे संघर्ष के बाद 2 जुलाई 1776 को 13 अमेरिकी कॉलोनियों में से 12 ने आधिकारिक तौर पर ग्रेट ब्रिटेन से अलग होने का फैसला किया और कॉन्टिनेंटल कांग्रेस द्वारा एक वोट के माध्यम से स्वतंत्रता की मांग की. ठीक दो दिन बाद 4 जुलाई को सभी 13 कॉलोनियों ने स्वतंत्रता की घोषणा को अपनाने के लिए मतदान किया और एक घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर कर खुद को आजाद घोषित कर दिया. तभी से अमेरिका अपना स्वतंत्रता दिवस मना रहा है. 13 कॉलोनियों ने मिलकर आजादी की घोषणा की थी जिसे 'डिक्लेरेशन ऑफ इंडिपेंडेंस' भी कहा जाता है.
आजादी के बाद जनरल जॉर्ज वॉशिंगटन अमेरिका के पहले राष्ट्रपति बने. उन्हें आजादी के लिए लड़ाई लड़ने वाले स्वतंत्रता सेनानी के रूप में जाना जाता है. इन्हीं के नाम पर अमेरिका की राजधानी का नाम रखा गया है. दरअसल अमेरिका की खोज क्रिस्टोफर कोलंबस ने गलती से की थी. कोलंबस यूरोप से अपने जहाज से भारत आने के लिए निकले थे लेकिन गलती से अमेरिका पहुंच गए. बाद में जब कोलंबस ने बताया कि उन्होंने एक नया द्वीप खोजा है. तो कई देशों में यहां कब्जा करने की होड़ मच गई. ब्रिटेन के लोग सबसे ज्यादा तादाद में यहां आ गए और अपना कब्जा कर लिया.
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