जलवायु परिवर्तन के कारण उत्पन्न प्राकृतिक आपदाएं और परिस्थितियां बड़ी चुनौती : PM मोदी
पीएम नरेंद्र मोदी हैदराबाद के पाटनचेरु में इंटरनेशनल क्रॉप्स रिसर्च इंस्टीट्यूट फॉर सेमी-एरिड ट्रॉपिक्स (ICRISAT) की 50 वीं वर्षगांठ समारोह में शामिल हुए.
हैदराबाद:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानि शनिवार को हैदराबाद के पाटनचेरु में अर्ध-शुष्क उष्णकटिबंधीय के लिए अंतर्राष्ट्रीय फसल अनुसंधान संस्थान (ICRISAT) की 50 वीं वर्षगांठ समारोह में शामिल हुए. समारोह में तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी मौजूद हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आईसीआरआईएसएटी की 50वीं वर्षगांठ समारोह में शामिल होने के पहले परिसर में प्रदर्शनी का अवलोकन किया. पीएम मोदी ने में कहा कि आज बसंत पंचमी का पावन पर्व है. आज हम ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा करते हैं. आप सभी जिस क्षेत्र में हैं उसका आधार ज्ञान, विज्ञान, इनोवेशन, इंवेंशन ही है, इसलिए बसंत पंचमी के दिन इस आयोजन का एक विशेष महत्व हो जाएगा.
Telangana: PM Narendra Modi joins the 50th Anniversary celebrations of the International Crops Research Institute for Semi-Arid Tropics (ICRISAT) in Patancheru, Hyderabad.
— ANI (@ANI) February 5, 2022
Telangana Governor Tamilisai Soundararajan and Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar also present pic.twitter.com/7VXGnrxl2g
अंतरराष्ट्रीय फसल अनुसंधान अर्द्ध शुष्क उष्णकटिबंधीय के लिए संस्थान ( आईसीआरआईएसएटी ) एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जो ग्रामीण विकास के लिए कृषि अनुसंधान करता है. इसका मुख्यालय तेलांगना के पाटनचेरू में है. अपनी स्थापना के बाद से, मेजबान देश भारत ने आईसीआरआईएसएटी को एक संयुक्त राष्ट्र संगठन के रूप में एक विशेष दर्जा दिया है जो भारतीय क्षेत्र में काम कर रहा है और इसे विशेष उन्मुक्ति और कर विशेषाधिकारों के लिए योग्य बनाता है.
Telangana: Prime Minister Narendra Modi watches an exhibition at International Crops Research Institute for Semi-Arid Tropics (ICRISAT) campus in Patancheru, Hyderabad. He will join the 50th Anniversary celebrations of ICRISAT. pic.twitter.com/mhqwx8fOXz
— ANI (@ANI) February 5, 2022
पीएम मोदी ने अंतर्राष्ट्रीय फसल अनुसंधान संस्थान के अधिकारियों और कृषि वैज्ञानिकों से कहा कि 50 साल एक बहुत बड़ा समय होता है और इस 50 साल की यात्रा में जब जब जिस जिस ने जो जो योगदान दिया है, वे सभी अभिनंदन के अधिकारी हैं. इस काम को आगे बढ़ाने के लिए जिन जिन लोगों नें प्रयास किया है, मैं उनका भी अभिनंदन करता हूं.
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पीएम मोदी ने कहा कि आपके पास 5 दशकों का अनुभव है. इन 5 दशकों में आपने भारत सहित दुनिया के एक बड़े हिस्से में कृषि क्षेत्र की मदद की है. आपकी रिसर्च, आपकी टेक्नॉलॉजी ने मुश्किल परिस्थितियों में खेती को आसान और सस्टेनेबल बनाया है. आज, ग्रह संरक्षण और तीव्र पीढ़ी उन्नति सुविधा पर जलवायु परिवर्तन अनुसंधान सुविधा का भी उद्घाटन किया गया है. ये शोध सुविधाएं जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए कृषि की सहायता करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी.
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा जलवायु परिवर्तन के कारण उत्पन्न प्राकृतिक आपदाएँ और परिस्थितियाँ एक बड़ी चुनौती रही हैं. यह मानव और बुनियादी ढांचे दोनों को प्रभावित करता है. हमारी सरकार ने इस तरह के बुनियादी ढांचे के लिए एक वैश्विक संस्थान शुरू किया है और आज हम कृषि के लिए भी इसी तरह के संस्थान का उद्घाटन कर रहे हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने 2070 तक अपने शुद्ध शून्य लक्ष्य की घोषणा की है, और जीवन मिशन की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला है. हमने प्रो प्लैनेट पीपल मूवमेंट का भी आह्वान किया है- एक ऐसा आंदोलन जो जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए महत्वपूर्ण है और प्रत्येक व्यक्ति को जलवायु से जोड़ता है. पीएम ने कहा ये सिर्फ बातों तक सीमित नहीं है, बल्कि भारत सरकार के एक्शन्स में भी रिफ्लेक्ट होता है.
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