अफगानिस्तान पर SCO-CSTO आउटरीच शिखर सम्मेलन ( PM Modi at SCO-CSTO Outreach Summit on Afghanistan ) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारे जैसे पड़ोसी देश अफगानिस्तान में होने वाली सिलसिलेवार घटनाओं से ज्यादातर प्रभावित हुए हैं. इसलिए, इस संदर्भ में क्षेत्रीय फोकस और क्षेत्रीय सहयोग बहुत महत्वपूर्ण हैं. उन्होंने कहा कि यह आवश्यक है कि वैश्विक समुदाय सामूहिक रूप से और उचित विचार-विमर्श के साथ नई प्रणाली की मान्यता पर निर्णय ले. पीएम मोदी ने यह भी कहा कि इस मामले पर भारत संयुक्त राष्ट्र की केंद्रीय भूमिका का समर्थन करता है.
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प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि हमें 4 मुख्य मुद्दों पर ध्यान देने की जरूरत है. पहला, अफगानिस्तान में सत्ता परिवर्तन समावेशी नहीं है. यह बिना बातचीत के हुआ. इससे नई व्यवस्था की स्वीकृति पर सवाल खड़े होते हैं. सरकार में महिलाओं, अल्पसंख्यकों और अफगान समाज के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व जरूरी. सभी देश आतंकवाद के शिकार रहे हैं, इसलिए हमें मिलकर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल किसी भी देश में आतंकवाद फैलाने के लिए न हो। एससीओ सदस्य राष्ट्रों को इस मुद्दे पर सख्त मानदंड विकसित करने चाहिए. अगर अफगानिस्तान में अस्थिरता और कट्टरवाद जारी रहा, तो दुनिया भर में आतंकवादी और चरमपंथी विचारधाराओं को बढ़ावा मिलेगा. प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे अन्य चरमपंथी संगठनों को हिंसा के माध्यम से सत्ता हथियाने के लिए प्रोत्साहन मिल सकता है.
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पीएम मोदी ने कहा कि हमें मिलकर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि मानवीय सहायता अफगानिस्तान तक सुचारू रूप से पहुंचे। भारतीयों और अफगानों के बीच एक विशेष संबंध रहा है. अफगान समाज की मदद के लिए सभी क्षेत्रीय और वैश्विक पहलों को भारत का पूरा समर्थन मिलेगा. उन्होंने कहा कि भारत विकास और मानवीय सहायता के लिए अफगानिस्तान का विश्वसनीय भागीदार रहा है। हमने अफगानिस्तान के बुनियादी ढांचा, शिक्षा, स्वास्थ्य और क्षमता निर्माण समेत सभी हिस्सों में हर क्षेत्र में योगदान दिया है. आज भी, हम अपने अफगान मित्रों को खाद्य सामग्री और दवाएं भेजने को तैयार हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा हकि अफगानिस्तान में गंभीर मानवीय संकट है। वित्तीय और व्यापार में बाधाओं के कारण, अफगानिस्तान के लोगों की वित्तीय बाधाएं बढ़ रही हैं. इसके साथ ही COVID चुनौती उनके लिए संकट का कारण है.
HIGHLIGHTS
- अफगानिस्तान में होने वाली सिलसिलेवार घटनाओं से पड़ोसी देश प्रभावित
- इस संदर्भ में क्षेत्रीय फोकस और क्षेत्रीय सहयोग बहुत महत्वपूर्ण हैं
- इस मामले पर भारत ने किया संयुक्त राष्ट्र की केंद्रीय भूमिका का समर्थन