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पीएम मोदी ने दिया 'करो या मरो' नारे का उदाहरण, 2022 तक ग़रीबी और भ्रष्टाचार मुक्त भारत का आह्वान

भारत छोड़ो आंदोलन के 75 वर्ष पूरे होने पर पीएम मोदी ने संसद में भारत को 2022 तक गरीबी और भ्रष्टाचार मुक्ति की अपील के लिए करो या मरो का उदाहरण दिया।

Updated on: 09 Aug 2017, 02:25 PM

नई दिल्ली:

भारत छोड़ो आंदोलन के 75 वर्ष पूरे होने पर संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह समय 2022 तक देश को गरीबी और भ्रष्टाचार से मुक्त करने के लिए वैसी ही भावना के साथ सामूहिक संकल्प लेने का है, जैसी भावना के साथ 75 साल पहले इसी दिन महात्मा गांधी ने भारत छोड़ो आंदोलन शुरू किया था।

मोदी ने लोकसभा को संबोधित करते हुए कहा कि इस घटना ने दुनिया को भारत की 'मजबूत इच्छा शक्ति' से अवगत कराया।

उन्होंने कहा कि गांधी जी के 'करो या मरो' के नारे ने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन को पूरी तरह से बदलकर रख दिया था और ऐसी भावना जगाई थी, जो देश में पहले कभी नहीं देखी गई थी और जिससे देश को आखिरकार औपनिवेशिक ब्रिटिश शासकों से आजादी मिल गई।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'सदैव अहिंसा का प्रचार करने वाले महात्मा गांधी ने जब 'करो या मरो' का आान किया तो यह देश के लिए आश्चर्यजनक था।' उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में देश गरीबी, कुपोषण, शिक्षा की उपलब्धता में कमी और स्वास्थ्य देखभाल जैसी बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहा है।

मोदी के मुताबिक, 'हमें इस संबंध में सकारात्मक बदलाव लाने की जरूरत है। हमारे देश से भ्रष्टाचार को निकाल बाहर करने के लिए आज उसी तरह के आह्वान (जैसा महात्मा गांधी ने 1942 में किया) और दृढ़ संकल्प की आवश्यकता है।

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