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पीएम मोदी ने बजट सत्र की पूर्वसंध्या पर की सर्वदलीय बैठक, कहा- सबके सुझाव जरूरी

पीएम मोदी ने कहा, मैं इस चर्चा के लिए सभी दलों का स्वागत करता हूं. मुझे आप सभी के द्वारा सुझाए गए आर्थिक मुद्दों पर चर्चा करने की आवश्यकता है.

Updated on: 30 Jan 2020, 04:40 PM

नई दिल्ली:

पीएम नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को आगामी बजट सत्र पर सभी मुद्दों पर चर्चा करने के लिए सर्वदलीय बैठक की. पीएम मोदी ने 31 जनवरी से शुरू हो रहे बजट सत्र की पूर्व संध्या में सभी दलों को बजट सत्र के लिए खुली चर्चा के लिए कहा. पीएम मोदी ने सर्वदलीय बैठक में हुई बातचीत के बारे में बताते हुए कहा कि, इस बैठक में सभी दलों ने मुझसे आर्थिक चर्चा के लिए कहा. मैं इस चर्चा के लिए सभी दलों का स्वागत करता हूं. मुझे आप सभी के द्वारा सुझाए गए आर्थिक मुद्दों पर चर्चा करने की आवश्यकता है.

इस बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि सरकार विपक्ष की राय सुनने और हर मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार है. इस बात की जानकारी संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मीडिया को दी. जोशी ने बताया कि प्रधानमंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था सहित सभी मुद्दों पर सार्थक और समृद्ध चर्चा होनी चाहिए. प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि अर्थव्यवस्था को वैश्विक संदर्भ में देखें कि भारत इसका फायदा कैसे उठा सकता है.

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31 जनवरी से शुरू होने वाले बजट सत्र से पहले संसद के आयोजित सर्वदलीय बैठक में विपक्षी दलों ने कश्मीर की स्थिति नागरिकता संशोधित कानून (CAA), NPR, NRC अर्थव्यवस्था की स्थिति सहित कई मुद्दों पर सवाल उठाये और इन पर चर्चा कराने की मांग की. वहीं बृहस्पतिवार को केंद्र सरकार की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक, वाम दलों आदि ने ये मुद्दे उठाए. बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी आदि मौजूद रहे.

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सरकार विपक्ष की राय सुनने के लिए तैयार
सर्वदलीय बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मीडिया से बताया कि, ‘सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरकार विपक्ष की राय सुनने और हर मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार है.’ संसदीय मामलों के मंत्री प्रहलाद जोशी से इस मामले में पूछा गया तो उन्होंने कहा ‘विपक्ष को आत्मावलोकन करना चाहिए क्योंकि सीएए लोकतांत्रिक तरीके से संसद में पारित हुआ है.’ आजाद ने आगे कहा कि विपक्षी दलों ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला की तत्काल रिहाई की मांग की. उन्होंने कहा कि सरकार का ध्यान सिर्फ विधेयक पारित कराने पर है, विपक्ष भी देशहित में विधेयक पारित करने में सहयोग करेगा लेकिन कई ऐसे मुद्दे हैं जिन पर चर्चा होनी चाहिए.