प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की 80वीं सालगिरह के समारोह का उद्घाटन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किया। पीएम मोदी ने इस समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि भारत 'भगवान एक ही है' की विचारधारा में विश्वास करता है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत में हिंदु, मुसलमानों और पारसियों के लिये ईश्वर अलग-अलग नहीं हैं। उन्होंने कहा, सत्य एक है, अलग-अलग लोग इसे सिर्फ अलग-अलग तरीके से व्यक्त करते हैं।
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उन्होंने कहा, ग्लोबल वार्मिंग की बड़ी चुनौती है। भारत ने निश्चय किया है कि 2030 तक यानी अब से 13 साल बाद, गैर जीवाश्म ईंधन से हमारा कुल उर्जा उत्पादन 40 फीसदी होगा। उन्होनें कहा कि साल 2022 में जब देश स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मना रहा होगा, हम अक्षय ऊर्जा से 175 गीगावाट ऊर्जा पैदा करेंगे।
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प्रधानमंत्री ने कहा, हम एक ऐसे राष्ट्र हैं जो अपने नजरिये को किसी को थोपने पर विश्वास नहीं करता। हम ऐसे लोग हैं जो मानते हैं कि ज्ञान की कोई सीमा नहीं, ज्ञान का कोई समय नहीं, ज्ञान को किसी तरह से बांधा नहीं जा सकता, ज्ञान को किसी पासपोर्ट की जरूरत नहीं, ज्ञान को किसी वीजा की जरूरत नहीं।
उन्होंने प्रकृति के संरक्षण की भारतीय परंपरा के बारे में भी बात की और अपनी सरकार के जीवाश्म ईंघन पर निर्भरता कम करने के लिये उठाये गये कदमांे और सौर उर्जा जैसे अक्षय उर्जा स्त्रोत के इस्तेमाल को बढ़ाने के लिये उठाये गये कदमों का भी जिक्र किया।
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इस दौरान पीएम मोदी ने नोटबंदी के बारे में भी जिक्र किया। मोदी ने कहा कि डिजीटल ट्रांजेक्शन का प्रयोग सिस्टम में पारदर्शिता लाएगा। इसके अलावा भ्रष्टाचार को भी कम करेगा।
Source : News Nation Bureau