पीएम मोदी बोले, आज देश सबका विश्वास और सबका प्रयास के मूल मंत्र पर काम कर रहा
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के 28 वें स्थापना दिवस के मौके पर पीएम मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अपना संबोधन दिया.
नई दिल्ली:
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के 28 वें स्थापना दिवस के मौके पर पीएम मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अपना संबोधन दिया. पीएम मोदी ने कहा कि देश ने गई मौके पर विश्व का मार्गदर्शन किया है. खासकर मानव अधिकार के लिए पूरी दुनिया को प्रेरित किया है. NHRC स्थापना दिवस पर PM मोदी ने कहा कि भारत ने दुनिया को अहिंसा का पाठ सुझाया. मोदी बोले कि एक ऐसे समय में जब पूरी दुनिया विश्व युद्ध की हिंसा में झुलस रही थी, भारत ने पूरे विश्व को ‘अधिकार और अहिंसा’ का मार्ग सुझाया. हमारे बापू को देश ही नहीं बल्कि पूरा विश्व मानवाधिकारों और मानवीय मूल्यों के प्रतीक के रूप में देखता है.
पीएम ने कहा कि भारत के लिए मानवाधिकारों की प्रेरणा का, मानवाधिकार के मूल्यों का बहुत बड़ा स्रोत आजादी के अंदोलन, हमारा इतिहास है. हमने सदियों तक अपने अधिकारों के लिए संघर्ष किया. एक राष्ट्र के रूप में, एक समाज के रूप में अन्याय-अत्याचार का प्रतिरोध किया. पीएम के अनुसार जो गरीब कभी शौच के लिए खुले में जाने को मजबूर था, उस गरीब को जब शौचालय मिलता है, तो वह गौरवान्वित महसूस करता है. जो गरीब कभी बैंक के अंदर जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाता था, उस गरीब का जब जनधन अकाउंट खुलता है, तो उसमें हौसला आता है, उसका गौरव बढ़ता है.
अन्याय को दूर करने की कोशिश की
उन्होंने कहा कि आज देश 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास' के मूल मंत्र पर काम कर रहा है। ये एक तरह से मानव अधिकार को सुनिश्चित करने की मूल भावना है। पीएम के अनुसार बीते वर्षों में देश ने अलग-अलग वर्गों में, अलग-अलग स्तर पर हो रहे अन्याय को दूर करने की कोशिश की है। दशकों से मुस्लिम महिलाएं तीन तलाक के खिलाफ कानून की मांग करी थीं. हमने ट्रिपल तलाक के खिलाफ कानून के जरिए मुस्लिम महिलाओं को नया अधिकार देने की कोशिश की है।
महिलाओं को मिले अधिकार
पीएम के अनुसार आज महिलाओं के लिए काम के अनेक मौके हैं. वो 24 घंटे सुरक्षा के साथ काम कर सकें, इसे सुनिश्चित करने की कोशिश हो रही है। दुनिया के बड़े-बड़े देश ऐसा बिल्कुल नहीं कर पा रहे लेकिन भारत आज करियर वुमन को 26 हफ्ते की पेड मातृत्व अवकाश दे रहा है.पीएम के अनुसार हमारे दिव्यांग भाई-बहनों की क्या शक्ति है, ये हमने हाल के पैरालंपिक में फिर अनुभव करा है. बीते वर्षों में दिव्यांगों को सशक्त करने को लेकर कानून बनाए गए हैं, उनको नई सुविधाओं से जोड़ा गया है.
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