भारी उद्योग राज्य मंत्री कृष्ण पाल ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि ऑटोमोबाइल क्षेत्र में उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) से भारत में लागत प्रभावी उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।
प्रश्नकाल के दौरान एक प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि पीएलआई योजना का उद्देश्य उन्नत प्रौद्योगिकी के साथ चार पहिया वाहनों के निर्माण की दिशा में काम करना है।
राज्य मंत्री ने कहा, हम अपने उद्योगों को प्रौद्योगिकी का आविष्कार करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे ताकि हम कम लागत पर उन्नत तकनीक, ईंधन दक्षता और बेहतर सुरक्षा सुविधाओं वाली कारों सहित चार पहिया वाहनों का उत्पादन करने में सक्षम हों।
उन्होंने यह भी कहा, हमें विदेशों से प्रौद्योगिकी का आयात करना पड़ता है और विदेशों से आयात किए जा रहे कंपोनेंट्स पर भारी कीमत चुकानी पड़ती है।
पाल ने कहा, पीएलआई के तहत, हम आत्मनिर्भर भारत मिशन के तहत प्रौद्योगिकी का विकास करेंगे और इससे न केवल प्रौद्योगिकी और कंपोनेंट्स के आयात पर अंकुश लगेगा, बल्कि देश में निवेश भी आएगा।
उन्होंने कहा कि कारों और अन्य चार पहिया वाहनों के निर्माण के लिए पुरानी तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो उच्च कीमतों का प्रमुख कारण है।
मंत्री ने कहा, एक बार जब हम नवीनतम (लेटेस्ट) तकनीक को सामने ला देंगे, तो लागत कम हो जाएगी, क्योंकि हम स्थानीय तौर पर उत्पादन करने में सक्षम होंगे। वैश्विक ऑटोमोबाइल उद्योग 15 अरब अमेरिकी डॉलर का है, लेकिन इस सेगमेंट में भारत की हिस्सेदारी दो प्रतिशत से भी कम है। पीएलआई योजना से इसमें सुधार होगा।
उन्होंने कहा कि इससे ऑटोमोबाइल क्षेत्र में रोजगार के नए रास्ते भी खुलेंगे।
कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह ने कहा कि फिलहाल ऑटोमोबाइल सेक्टर को हर दिन घाटा हो रहा है और फोर्ड जैसी कंपनियों ने भारत में अपनी उत्पादन इकाइयां बंद कर दी हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को ऐसी ऑटोमोबाइल कंपनियों को बंद होने से रोकने के लिए कदम उठाने की जरूरत है।
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Source : IANS