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अंबेडकर जयंती पर सामाजिक बंधन मजबूत करने की प्रतिज्ञा लें : वामदल

कोरोनावायरस (Corona Virus) के प्रसार को कम करने के लिए लगाए गए लॉकडाउन का सबसे अधिक विपरीत असर गरीबों व रोजाना मजदूरी करके पेट भरने वाले लोगों पर पड़ा है. इसके मद्देनजर वामपंथी दलों ने गरीबों के लिए तत्काल नकद हस्तांतरण की मांग की है.

Updated on: 14 Apr 2020, 07:42 AM

नई दिल्ली:

कोरोनावायरस (Corona Virus) के प्रसार को कम करने के लिए लगाए गए लॉकडाउन का सबसे अधिक विपरीत असर गरीबों व रोजाना मजदूरी करके पेट भरने वाले लोगों पर पड़ा है. इसके मद्देनजर वामपंथी दलों ने गरीबों के लिए तत्काल नकद हस्तांतरण की मांग की है. इसके साथ ही वाम दलों ने बाबा साहेब भीमराम अंबेडकर की जयंती (Ambedkar Jayanti)पर मंगलवार की शाम लोगों से एक प्रतिज्ञा लेने की भी अपील की है. इस संबंध में मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्‍सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन, अखिल भारतीय फॉरवर्ड ब्लॉक और क्रांतिकारी सोशलिस्ट पार्टी ने बयान जारी कर गरीबों को तुरंत मदद मुहैया कराने की मांग की है.

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वाम दलों ने 14 अप्रैल को शाम पांच बजे अंबेडकर जयंती के अवसर पर लोगों से बिना भेदभाव के सामाजिक बंधनों को मजबूत करने और संविधान की रक्षा करने की प्रतिज्ञा लेने को कहा है.

वाम दलों ने अपने साझा बयान में लोगों से कहा है कि वे इस अवसर पर एकजुटता और सोशल डिस्टैंसिंग को बढ़ावा देने के लिए प्रतिज्ञा करेंगे. इस प्रतिज्ञा के तहत वो लॉकडाउन में तकलीफ उठा रहे गरीब लोगों तक फौरन भोजन और कुछ नकद राशि पहुंचाने का काम शुरू करेंगे.

इसके अलावा बयान में कहा गया कि सामाजिक एकता को मजबूत करने से उनका मतलब है कि वे जाति, धर्म और लिंग के आधार पर किसी में अंतर नहीं करेंगे, जिसका अर्थ ये हुआ कि कोरोनावायरस महामारी से लड़ते हुए वे किसी के जीवन, आजादी, भावना व्यक्त करने के लोकतांत्रिक अधिकार, छुआछूत और किसी भी तरह के अन्य अंतर को बीच में नहीं आने देंगे.

वाम दलों ने अपने बयान में स्पष्ट किया कि उनकी प्रतिज्ञा बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की बिना अंतर किए लोगों को समान भाव से शिक्षा और सम्मान दिलाने की भावना पर आधारित है.

बयान में लोगों से प्रतिज्ञा लेते समय एक दूसरे से दूरी बनाए रखने की भी अपील की गई है. कहा गया है कि लॉकडाउन के चलते किसी तरह का कोई कार्यक्रम न हो पाने की स्थिति में जहां कहीं भी वे सुरक्षित स्थान पर रह रहे हों, वहीं 14 अप्रैल की शाम पांच बजे शपथ लेकर इस दिश में काम करें. यह बयान माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, भाकपा महासचिव डी. राजा और अन्य वाम नेताओं की ओर से जारी किया गया है.