पश्चिम बंगाल सीएम ममता बनर्जी ने कहा योजना आयोग NITI Aayog से अधिक प्रभावी था. यह अधिक सफल होता. योजना आयोग को वापस लाया जाना चाहिए. आपको बता दें कि इसके पहले भी ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय को पत्र लिखकर सूचना दे दी थी कि वे 15 जून को हो रही नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में शामिल नहीं होंगी. बैठक में शामिल न होने का कारण बताते हुए ममता बनर्जी ने कहा है कि नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल को राज्य की योजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए कोई वित्तीय शक्ति हासिल नहीं है.
ममता बनर्जी ने पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यालय को लिखे लेटर में कहा है कि 15 अगस्त 2014 को आपने योजना आयोग की जगह नीति आयोग के गठन की घोषणा की थी. ममता ने कहा कि मैं आश्चर्यचकित हूं कि राज्यों के मुख्यमंत्रियों से इस बारे में कोई बात नहीं की गई. उन्होंने कहा कि आपको पता होगा कि योजना आयोग राष्ट्रीय योजना कमेटी थी, जिसे जवाहर लाल नेहरू और सुभाष चंद्र बोस ने 1938 में गठित की थी. आपको यह भी पता होगा कि 15 मार्च 1950 को योजना आयोग का गठन किया गया था, जिसे वित्तीय शक्तियां हासिल थीं और वह मुख्यमंत्रियों के साथ विकास की योजनाओं पर सलाह-मशविरा करता था.
वहीं उन्होंने यह भी कहा है कि आगामी 11 जून को दोपहर 1:30 बजे ईश्वर चंद्र विद्यासागर की वंदनीय प्रतिमा को बदला जाएगा. यह प्रतिमा लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की रैली के दौरान मचे हंगामे में टूट गई थी.
वहीं जब उनसे अपने नए राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर के बारे में पूछा गया तो ममता बनर्जी ने इस पर कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया उन्होंने कहा कि यह हमारा आंतरिक मुद्दा है.
HIGHLIGHTS
- ममता बनर्जी ने की नीति आयोग को बदलकर योजना आयोग करने की मांग
- 15 जून को नीति आयोग में होने वाली मीटिंग में ममता नहीं होंगी शामिल
- 11 जून को ममता करेंगी ईश्वरचंद विद्यासागर की मूर्ति का अनावरण