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इलेक्टोरल बांड को लेकर पीयूष गोयल ने कांग्रेस पर साधा निशाना, बोले- ...भ्रष्टाचार कम हुआ

इलेक्टोरल बांड (Electoral Bond) को लेकर रेल मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने कांग्रेस (Congress) पर निशाना साधा है.

Updated on: 21 Nov 2019, 11:26 PM

नई दिल्‍ली:

इलेक्टोरल बांड को लेकर रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कांग्रेस पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि इलेक्टोरल बांड के जरिये भ्रष्टाचार कम हुआ है. जो टोली पीएम नरेंद्र मोदी और सरकार पर अनाप-शनाप आरोप लगाने की कोशिश करती है, उन्हीं लोगों ने इलेक्टोरल बांड पर चर्चा की और बेबुनियाद आरोप लगाए. जबकि भाजपा ने कालेधन पर वार किया. राफेल पर भी कांग्रेस ने बेबुनियाद आरोप लगाए थे.

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रेल मंत्री पीयूष गोयल ने आगे कहा कि वर्षों से कांग्रेस भ्रष्टाचार में लिप्त है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के यहां इलेक्शन कमीशन ने करोड़ों रुपये जब्त किए, जबकि भाजपा ने कालेधन पर वार किया. मोदी सरकार ने दो हजार रुपये से ऊपर कैश के रूप में चंदा लेने का काम बंद किया. चुनावों में चंदा पहले कैश में दिए जाते थे, जिससे अब इन नेताओं को तकलीफ हो रही है.

रेल मंत्री ने आगे कहा कि मोदी सरकार ने शेल कंपनियों पर नकेस कसी है, जिससे कई कंपनियां बंद हो गई हैं. रिजर्व बैंक और इलेक्शन कमीशन से केंद्र सरकार ने विचार-विमर्श किया और ये स्कीम लागू किया गया. ये सुनिश्चित किया गया है कि इन बांड्स का गलत इस्तेमाल न हो. विपक्ष ने सवाल खड़ा किया है कि बीच में बांड्स क्यों खोला गया. उसका जवाब ये है कि असेंबली इलेक्शन बार-बार आते हैं, इसलिए इन बांड्स को खोलने की प्रक्रिया हुई.

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ये है इलेक्टोरल बांड

केंद्र सरकार ने 2018 में इलेक्टोरल बांड योजना को अधिसूचित किया था. जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 29-A के तहत ऐसे राजनीतिक दल जिन्हें पिछले आम चुनाव या राज्य के विधानसभा चुनाव में एक प्रतिशत या उससे अधिक मत मिले हैं, इलेक्टोरल बांड प्राप्त करने के पात्र होते हैं. ये बांड 15 दिन के लिए वैध होते हैं और पात्र राजनीतिक दल इस अवधि में किसी अधिकृत बैंक में बैंक खाते से इन्हें भुना सकता है.