एलफिन्सटन हादसा: पीयूष गोयल ने झाड़ा पल्ला, कहा- समस्याएं विरासत में मिलीं, बढ़ेगी एफओबी की संख्या
सुरक्षा को लेकर मुंबई में हुई रेलवे सुरक्षा की बैठक के बाद रेलमंत्री पीयूष गोयल ने मुंबई के सबर्ब स्टेशनों में सुधार लाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाने की घोषणा की है।
नई दिल्ली:
मुंबई में एलफिन्सटन ब्रिज हादसे के बाद रेल मंत्रालय ने कई कदम उठाए हैं। हादसे के बाद सुरक्षा को लेकर मुंबई में हुई रेलवे सुरक्षा की बैठक के बाद रेलमंत्री पीयूष गोयल ने मुंबई के सबर्ब स्टेशनों में सुधार लाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाने की घोषणा की है। हालांकि उन्होंने रेलवे की हालात के लिये कांग्रेस सरकारों को जिम्मेदार ठहराया।
एलफिन्सटन-परेल एफओबी 45 साल पुराने हो चुका था और उसको चौड़ा करने की मांग भी कई सालों से हो रही थी। लेकिन इस 29 सितंबर को एलफिन्सटन-परेल ब्रिज पर हुई भगदड़ में 23 लोगों की जानें चली गई थी।
पीय़ुष गोयल ने कहा, 'कोई बहाना नहीं बना रहा, लेकिन भारतीय रेल की समस्याएं हमें 2014 में विरासत में मिली हैं। ये कोई 1 या 2 साल में समस्याएं पैदा नहीं हुई हैं।'
रेलमंत्री पीयुष गोयल ने कई रेलवे की सुरक्षा से संबंधित कई दौर की बैठकें की। उन्होंने कहा कि एफओबी अब रेलवे का एक अवश्यक पक्ष होगा। जबकि ये पहले एक सुविधा के तौर पर देखा जाता था।
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उन्होंने कहा, 'हम 150 साल की परंपरा को बदल रहे हैं। अब फूट ओवर ब्रिज यात्रियों के लिये सुविधा नहीं बल्कि एक आवश्यकता मानी जाएगी।'
उन्होंने ट्वीट कर बैठक में लिये गए फैसलों की जानकारी भी दी।
Sharing decisions taken today in a high-level meeting on Railways Safety in Mumbai pic.twitter.com/8IQ1d9iKpF
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) September 30, 2017
पश्चिम रेलवे के 13 एफओबी को चौड़ा और 10 नए एफओबी बनाने को मंजूरी दी गई है। इसी तरह से मध्य रेलवे में 20 नए एफओबी बनाने की मंजूरी मिली है। सुरक्षा पर हुई बैठक में तय किया गया कि इन सभी एफओबी को 1 साल के अंदर तैयार करना होगा।
साथ ही ट्रेनों के परिचालन में सुरक्षा और सुगमता को बढ़ाने के लिए देश भर में 40 रेल यार्ड विकसित किये जाने का फैसला लिया गया है। इनमें से 8 यार्ड मुंबई में हैं और इनकी लागत करीब 1000 करोड़ रुपये होगी।
ग्राउंड ऑपरेशन और प्रोजेक्ट को गति देने के लिए मुख्यालय के अधिकारियों को अब फील्ड स्टाफ के तौर पर काम करना होगा। नए फैसले के अनुसार मुंबई के अधिकांश भीड़ वाले स्टेशन पर स्वचालित सीढ़ियों की संख्या बढ़ाई जाएगी।
महाप्रबंधकों को सुरक्षा सम्बंधी प्रोजेक्ट के लिए अगले 18 महीनों का बजट निर्धारित करने का अधिकार दिया गया है। बजट के लिये महाप्रबंधक को एक सप्ताह के भीतर प्रोजेक्ट की जानकारी और बजट की रिपोर्ट फाइनांस कमिश्नर को भेजनी होगी। फाइनांस कमिश्नर को रिपोर्ट मिलने के 15 दिनों के अंदर फैसला लेना होगा। अगर प्रोजेक्ट रद्द करने का फैसला लिया या आदेश दिया जाता है, रेलवे बोर्ड इस पर अंतिम फैसला लेगा। इसके लिये भी बोर्ड को 15 दिनों में फैसला देना होगा। इस फैसले के बाद अब इस तरह की योजनाओं के लिये महीनों तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
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