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लाल किले में किसानों के झंडा फहराने पर सुप्रीम कोर्ट से स्वत: संज्ञान लेने की अपील

दिल्ली में ट्रैक्टर रैली के दौरान लाल किले की की प्राचीर पर उपद्रवी किसानों द्वारा धर्म विशेष का झंडा फहराने का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है.

Updated on: 27 Jan 2021, 11:29 AM

नई दिल्ली:

दिल्ली में ट्रैक्टर रैली के दौरान लाल किले की की प्राचीर पर उपद्रवी किसानों द्वारा धर्म विशेष का झंडा फहराने का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. इस घटना को लेकर सुप्रीम कोर्ट से स्वतः संज्ञान लेने की अपील की गई है. कानून के छात्र आशीष राय ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर लाल किले की प्राचीर पर प्रदर्शकारियों द्वारा दूसरा झंडा लगाने पर एक्शन लेने की मांग की है. पत्र में कहा गया है कि लाल किले पर दूसरे झंडे को लगाना राष्ट्रीय झंडे का अपमान है.

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हालांकि दिल्ली में मंगलवार को किसानों के हिंसक प्रदर्शन और लाल किले पर धार्मिक झंडा फहराए जाने की घटना को गृह मंत्रालय ने बेहद गंभीरता से लिया है. गृहमंत्री अमित शाह ने अपने आवास पर आपात बैठक बुलाकर राजधानी में अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती के निर्देश दिए हैं. सभी धरोहरों और संवेदनशील स्थानों पर अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती होगी. राजधानी में हिंसा के जिम्मेदार लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई के भी निर्देश दिल्ली पुलिस को जारी हुए हैं.

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राजधानी में किसानों के ट्रैक्टर परेड के हिंसक रूप अख्तियार कर लेने और कई जगहों पर पुलिस से झड़प की घटना को गंभीरता से लेते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने मंत्रालय व दिल्ली पुलिस के आला अफसरों से बैठक कर राजधानी में सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की. खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों ने उन्हें सूचनाएं दीं. सूत्रों के मुताबिक किसान आंदोलन की आड़ में प्रतिबंधित संगठनों की ओर से हिंसा को बढ़ावा दिए जाने के इनपुट खुफिया एजेंसियों को मिले. खुफिया एजेंसियों ने आगे भी हिंसा की आशंका से इनकार नहीं किया.

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बैठक में राजधानी के सभी संवेदनशील स्थानों पर अतिरिक्त पैरामिल्रिटी फोर्सेज की तैनाती का निर्णय हुआ, ताकि आगे किसी तरह की हिंसक घटना न हो सके. हिंसक प्रदर्शन में शामिल लोगों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई का भी निर्देश जारी हुआ है. गृहमंत्रालय की इस बड़ी बैठक के बाद दिल्ली पुलिस भी राजधानी में हिंसक प्रदर्शन के पीछे के साजिशकर्ताओं की पहचान करने में जुटी है. इसके लिए उन सभी स्थानों के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं, जहां किसानों ने हिंसक प्रदर्शन किए.