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सुप्रीम कोर्ट पहुंचा संदेशखाली मुद्दा, CBI या SIT से जांच कराने की मांग

पश्चिम बंगाल में संदेशखाली मुद्दा तूल पकड़ता जा रहा है. इस मामले को लेकर भाजपा और टीएमसी आमने-सामने हैं. प्रदेश में भाजपा इस मामले को लेकर ममता बनर्जी की पार्टी पर आरोप लगा रही है.

Updated on: 16 Feb 2024, 01:54 PM

नई दिल्ली:

पश्चिम बंगाल में संदेशखाली मुद्दा तूल पकड़ता जा रहा है. इस मामले को लेकर भाजपा और टीएमसी आमने-सामने हैं. प्रदेश में भाजपा इस मामले को लेकर ममता बनर्जी की पार्टी पर आरोप लगा रही है. वहीं,  अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गया है.वकील आलोक अलख श्रीवास्तव ने संदेशखाली के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है और याचिका में मांग की है कि कोर्ट की देखरेख में सीबीआई या एसआईटी की टीम मामले की जांच करें. सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में  संदेशखाली मुद्दे में पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए गए हैं. पुलिस पर उचित कार्रवाई करने की भी मांग की गई है. साथ ही पीड़ित परिवारों को उचित मुआवजा देने की वकालत की गई है. इसके अलावा संदेशखाली विवाद की जांच राज्य से बाहर ट्रांसफर करने का अनुरोध किया गया. तीन जजों की कमेटी से जांच कराने की मांग भी की गई है. 

बता दें कि पिछले दिनों संदेशखाली इलाके में महिलाओं के साथ मारपीट और दुष्कर्म की घटनाएं सामने आई थीं. इस मामले को लेकर भाजपा और टीएमसी के कार्यकर्ता आमने सामने हो गए थे. गांव की महिलाओं ने आरोप लगाए थे कि टीएमसी नेता शाहजहां शेख और अन्य टीएमसी नेताओं ने उनकी जमीनों पर कब्जा लिया और कुछ महिलाओं के साथ यौन शोषण भी किए. इसे लेकर संदेशखाली में महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन किया.

शाहजहां शेख पर महिलाओं ने लगाए कई आरोप

विरोध प्रदर्शन का भाजपा ने समर्थन किया था. विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस के लाठीचार्ज में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मजूमदार घायल हो गए थे. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. बीते दिनों ईडी टीम पर हुए हमले में शाहजहां शेख को मुख्य आरोपी बनाया गया.  शाहजहां शेख राशन घोटाले में आरोपी है.