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कोविड वैक्सीन आपूर्ति के लिए भारत सरकार के संपर्क में है: फाइजर

भारत में कोरोना वैक्सीन की सप्लाई को लेकर अमेरकी कंपनी फाइजर ने बड़ा बया दिया है. फाइजर ने कहा कि COVID-19 वैक्सीन आपूर्ति के लिए भारत सरकार के साथ जुड़ा हुआ है.

Updated on: 02 Jun 2021, 05:43 PM

highlights

  • भारत में टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है
  • टीके की जांच करने और ब्रिजिंग ट्रायल से छूट दी जा सकती है
  • लोकल ट्रायल कराने की शर्तों को हटा दिया गया

नई दिल्ली:

भारत में कोरोना वैक्सीन की सप्लाई को लेकर अमेरकी कंपनी फाइजर ने बड़ा बया दिया है. फाइजर ने कहा कि COVID-19 वैक्सीन आपूर्ति के लिए भारत सरकार के साथ जुड़ा हुआ है. वहीं, बताया जा रहा है कि कोरोना वैक्सीनेशन की रफ्तार देश में तेजी से बढ़े इसको लेकर अमेरिकी कंपनी फाइजर सरकार बड़ी छूट देने को राजी हो गई है. इसके साथ ही वैक्सीन के भारत आने का रास्ता साफ हो गया है. कोरोना वैक्सीन के इस्तेमाल से जुड़े किसी भी दावे से कानूनी सुरक्षा की मांग को लेकर अब अमेरिकी कंपनी फाइजर और सरकार के बीच बात बनती दिख रही है.

भारत में टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है

भारत में कोवैक्सिन, कोविशील्ड और स्पूतनिक-वी के जरिए टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है. केंद्र सरकार के मंत्री और अधिकारी लगातार दावा कर रहे हैं कि जल्द ही इसमें और भी कंपनियों की वैक्सीन को शामिल किया जाएगा. इस बीच फाइजर ने बुधवार को कहा कि वह अपने कोरोना वायरस वैक्सीन को सरकारी टीकाकरण कार्यक्रम में उपयोग के लिए उपलब्ध कराने की दिशा में भारत सरकार के साथ बात कर रहा है.

लोकल ट्रायल कराने की शर्तों को हटा दिया गया

कंपनी का बयान ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) द्वारा COVID-19 टीकों के विशिष्ट परीक्षणों को छूट देने के बाद आया है, जिन्हें कुछ अन्य अंतरराष्ट्रीय नियामक निकायों द्वारा अनुमोदित किया गया है. ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीजीसीआई) ने फाइजर और मॉडर्ना जैसी विदेशी वैक्सीन पर अलग से लोकल ट्रायल कराने की शर्तों को हटा दिया है. ऐसे में अगर किसी विदेशी वैक्सीन को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) या अमेरिकी एफडीए से इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है तो भारत में ट्रायल से नहीं गुजरना होगा.

टीकों की मंजूरी दी

DCGI का कहना है कि आपात स्थिति में सीमित इस्तेमाल के लिए भारत में टीकों को स्वीकृति दिए जाने का फैसला किया जाता है. ऐसे टीकों की मंजूरी दी जाती है जो अमेरिकी एफडीए, ईएमए, यूके एमएचआरए, पीएमडीए जापान द्वारा स्वीकृत हैं या विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के आपात इस्तेमाल सूची में सूचीबद्ध हैं और जिनका इस्तेमाल पहले ही लाखों लोगों पर किया जा चुका है. सीडीएल, कसौली द्वारा टीके की जांच करने और ब्रिजिंग ट्रायल से छूट दी जा सकती है.