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सम्मन पर और वक्त मांगने के लिए पीएफआई पदाधिकारी ईडी कार्यालय पहुंचे

‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ (पीएफआई) और उससे जुड़े एक एनजीओ के सदस्यों ने बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों से मुलाकात कर उनसे संघीय जांच एजेंसी के समक्ष पेश होने के लिए अपने पदाधिकारियों के वास्ते और समय मांगा.

Updated on: 29 Jan 2020, 02:17 PM

दिल्ली:

‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ (पीएफआई) और उससे जुड़े एक एनजीओ के सदस्यों ने बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों से मुलाकात कर उनसे संघीय जांच एजेंसी के समक्ष पेश होने के लिए अपने पदाधिकारियों के वास्ते और समय मांगा. केरल स्थित पीएफआई और रिहैब इंडिया फाउंडेशन के एक कानूनी प्रतिनिधि समेत चार अधिकारियों का एक समूह सुबह करीब साढ़े दस बजे यहां प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कार्यालय पहुंचा.

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पीएफआई के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘कोई भी पेश नहीं हो रहा है. हम और समय मांगने के लिए ईडी से मिलने जा रहे हैं.’’ ईडी ने धन शोधन की जांच के सिलसिले में मंगलवार को पीएफआई और रिहैब इंडिया के सात पदाधिकारियों को सम्मन जारी किए गए थे. उन्हें बुधवार को पेश होने के लिए कहा गया.

धन शोधन निरोधक कानून (पीएमएलए) के तहत जारी सम्मन प्रवर्तन निदेशालय की उस जांच परिणाम की पृष्ठभूमि में आया है कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ उत्तर प्रदेश में तथा देश के अन्य हिस्सों में हाल में हुए प्रदर्शनों में पीएफआई का कथित तौर पर ‘आर्थिक संबंध’ है. हालांकि पीएफआई ने इसे ‘निराधार’ करार दिया है.

संगठन ने सोमवार को एक बयान में कहा था, ‘‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया ने कई बार यह बात कही है कि हम देश के कानून का पूरी तरह पालन करते हैं और सीएए विरोधी प्रदर्शनों से ऐन पहले 120 करोड़ रुपये पॉपुलर फ्रंट के खातों से हस्तांतरित होने के आरोप पूरी तरह बेबुनियाद हैं और इस तरह के आरोप लगा रहे लोगों को चाहिए कि इन दावों को साबित करें.’’

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ईडी ने 2018 में पीएमएलए के तहत पीएफआई पर मामला दर्ज किया था. अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी रिहैब इंडिया के नौ बैंक खातों को भेजी गई रकम और निकाली गई राशि की भी जांच कर रही है.