बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने पेट्रोलियम उत्पादों को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत लाने की वकालत की। उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों का मानना है कि पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के तहत लाया जाना चाहिए। वहीं कुछ अन्य राज्य ऐसा नहीं चाहते।
उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, 'मेरा मानना है कि आगामी दिनों में यह मुद्दा हल हो जाएगा। मुझे लगता है कि जल्द पेट्रोलियम उत्पाद जीएसटी का हिस्सा होंगे।'
एक सवाल के जवाब में मोदी ने कहा कि उनका मानना है कि पेट्रोलियम उत्पाद जीएसटी के तहत होने चाहिए। हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह उनकी निजी राय है।
दुनिया भर में पेट्रोलियम उत्पाद जीएसटी के दायरे में ही आते हैं। मोदी ने पिछले महीने मंत्रिस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की थी। यह बैठक जीएसटी नेटवर्क से जुड़े मुद्दों को हल करने की रूपरेखा तय करने के लिए थी।
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उन्होंने कहा, 'मैं भरोसे के साथ कह सकता आगामी दिनों में अर्थव्यवस्था आगे बढ़ेगी। जो शुरुआती दिक्कतें आई हैं वे हल हो जाएंगी।' उन्होंने स्वीकार किया कि जीएसटी क्रियान्वयन के शुरुआती दिनों में कुछ समस्याएं रही हैं, लेकिन आगामी दिनों में अर्थव्यवस्था अधिक मजबूत स्थिति में होगी।
मोदी ने कहा कि यदि एक या दो तिमाहियों में वृद्धि दर नीचे आती है तो इसे आर्थिक सुस्ती नहीं कहा जा सकता। यह एक चक्र है। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के कार्यकाल में भी कई ऐसी तिमाहियां रही हैं जबकि वृद्धि दर नीचे आई थी।
बता दें कि मोदी जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) के तकनीकी मुद्दों को देख रहे मंत्रियों के समूह (जीओएम) के प्रमुख भी हैं। इसके अलावा मोदी जीएसटी परिषद के सदस्य भी हैं।
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Source : News Nation Bureau