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पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों से आम आदमी बेहाल, मुंबई में 91 रु/प्रति लीटर पहुंची कीमत

देश में महंगाई की मार झेल रहे लोगों को राहत मिलती नहीं दिख रही है. आज फिर पेट्रोल और डीजल की कीमतों में उछाल हुआ है.

Updated on: 04 Oct 2018, 10:52 AM

नई दिल्ली:

देश में महंगाई की मार झेल रहे लोगों को राहत मिलती नहीं दिख रही है. आज फिर पेट्रोल और डीजल की कीमतों में उछाल हुआ है. राजधानी दिल्ली में आज पेट्रोल का दाम 84 रु प्रति लीटर है जबकि डीजल की कीमत 75.45 है. पेट्रोल की कीमत में 15 पैसे का इजाफा हुआ है जबकि डीजल के दामों में 20 पैसे की बढ़ोतरी हुई है. देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में आज कीमत 91.34  रु प्रति लीटर और डीजल की कीमत 80.10  रु प्रति लीटर है. पेट्रोल की कीमत में 14 पैसे का इजाफा हुआ है जबकि डीजल के दामों में 21 पैसे की बढ़ोतरी हुई है.

हालांकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में गुरुवार को कच्चे तेल की तेजी थम गई, मगर कीमतें अब भी तकरीबन चार साल के ऊंचे स्तर पर बनी हुई हैं.

तेल विपणन कंपनियों ने लगातार छह दिन के बाद बुधवार को डीजल और पेट्रोल के दाम में कोई बढ़ोतरी नहीं की थी. 

बाजार के जानकार बताते हैं कि कच्चे तेल के दाम में इस सप्ताह जोरदार उछाल आया है, जिससे आगे पेट्रोल और डीजल के दाम में और बढ़ोतरी हो सकती है.

इंडियन ऑयल की वेबसाइट से मिली जानकारी के अनुसार, दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में गुरुवार को पेट्रोल क्रमश: 84 रुपये, 85.80 रुपये, 91.34 रुपये और 87.33 रुपये प्रति लीटर था. 

चारों महानगरों में गुरुवार को डीजल क्रमश: 75.45 रुपये, 77.30 रुपये, 80.10 रुपये और 79.79 रुपये प्रति लीटर हो गया.

इंटरकॉन्टिनेंटल एक्सचेंज यानी आईसीई पर बेंट क्रूड का नवंबर डिलीवरी वायदा गुरुवार को 0.14 फीसदी की नरमी के साथ 86.17 डॉलर प्रति बैरल पर बना हुआ था जबकि पिछले सत्र में 86.74 डॉलर प्रति बैरल तक उछला जो पिछले चार साल का ऊंचा स्तर है. 

न्यूयार्क मर्के टाइल एक्सचेंज यानी नायमैक्स पर अमेरिकी लाइट क्रूड वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट यानी डब्ल्यूटीआई का दिसंबर डिलीवरी वायदा अनुबंध 0.21 फीसदी की नरमी के साथ 76.25 डॉलर प्रति बैरल पर बना हुआ था. पिछले सत्र में 76.41 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ था.

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एंजेल ब्रोकिंग हाउस के ऊर्जा विशेषज्ञ अनुज गुप्ता ने कहा कि अमेरिका में कच्चे तेल का भंडार बढ़ने के साथ-साथ कथित तौर रूस और सऊदी अरब के बीच उत्पादन बढ़ाने के समझौते से अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का भाव ऊपरी स्तर से फिसला है.