चिकन मटन की मांग लेकर सर्वोच्च न्यायालय पहुंचा याचिकाकर्ता, दिल को छू गया SC का ये जवाब

सरकार तो जनता को कोरोना वायरस से बचाने के लिए तमाम तरीके अपना रही है लेकिन कुछ ऐसे मंदबुद्धि भी हैं जिन्हें कोई फर्क ही नहीं पड़ रहा है.

सरकार तो जनता को कोरोना वायरस से बचाने के लिए तमाम तरीके अपना रही है लेकिन कुछ ऐसे मंदबुद्धि भी हैं जिन्हें कोई फर्क ही नहीं पड़ रहा है.

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Ravindra Singh
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सु्प्रीम कोर्ट( Photo Credit : फाइल)

देश में कोरोनावायरस (Corona Virus) की वजह से हो रहे लॉक डाउन (Lock Down) के दौरान लोगों को जरूरी सेवाओं और वस्तुओं की आपूर्ति की जा रही है. सरकार भी इस मुद्दे पर जागरुक है और सोसाइटियों के बाहर गाड़ी से सामानों की होम डिलीवरी हो रही है. सरकार तो जनता को कोरोना वायरस से बचाने के लिए तमाम तरीके अपना रही है लेकिन कुछ ऐसे मंदबुद्धि भी हैं जिन्हें कोई फर्क ही नहीं पड़ रहा है. ऐसा ही एक मामला मीडिया में आया है कि एक व्यक्ति लॉकडाउन के दौरान ही चिकन और मटन खाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया और वहां पर नॉनवेज की दुकानें लॉकडाउनके दौरान भी खुलवानें की मांग करने लगा.

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आपको बता दें कि एक चिकन मटन के शौकीन व्यक्ति ने सुप्रीम कोर्ट में ये अर्जी डाली कि वो चिकन और मटन की तलाश में बाजार में निकले थे जिसके बाद पुलिस ने उन्हें परेशान किया. सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता ने दलील दी कि चिकन और मटन भी जरूरी सामग्री में शामिल है. उसने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि वो किराना की दुकान से कुछ सामान लेने के लिए बाहर निकला था कि तभी पुलिस ने उसे परेशान किया था. इस याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा कि लॉकडाउन के दौरान नॉन वेज की दुकानें भी पूरी तरह से खोली जानी चाहिए.

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शीर्ष अदालत ने दिया दिल को छू लेने वाला जवाब
इस याचिकाकर्ता के सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि देश कठिन परिस्थितियों से गुजर रहा है कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया का क्या हाल बना दिया है यह किसी से छुपा नहीं है और हमारा देश इस महामारी को कैसे कंट्रोल में रखे हुए है. अगर लॉकडाउन का पालन करने के लिए थोड़े दिन मटन और चिकन नहीं खाएंगे तो क्या हो जाएगा. आप बाहर निकल कर भीड़ क्यों बढ़ाना चाहते हैं. क्या आपको देश की चिंता नहीं है क्या आप देश के नागरिक नहीं हैं. क्या पुलिस ने आपको सिर्फ किराने का सामान लेने के लिए परेशान किया ऐसे सवालों के बाद वो याचिकाकर्ता खुद पर शर्मिंदा हो गया.

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लॉकडाउन के संकट से गुजर रहा है देश
आपको कोरोना वायरस से बचने के लिए देश लॉकडाउन के दौर से गुजर रहा है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को संबोधित करते हुए 25 मार्च से 14 अप्रैल तक 21 दिनों का लॉकडाउन कर रखा था. इस लॉकडाउन के परिणाम से पूरा विश्व हतप्रभ है क्योंकि इतनी ज्यादा जनसंख्या वाले देश ने 21 दिनों के लॉकडाउन का अनुशासन के साथ पालन किया था जिसकी वजह से कोरोना वायरस संक्रमण के बहुत कम मामले भारत में पाए गए. इसके बाद पीएम मोदी ने एक बार फिर 14 अप्रैल से इस लॉकडाउन की अवधि 3 मई तक बढ़ा दी है. पीएम मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कहा था कि स्थितियां अभी ऐसी नहीं हैं कि लॉकडाउन को उठाया जाए, साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि इस लॉकडाउन की देश बड़ी कीमत देश को चुकानी पड़ी है लेकिन लोगों का जीवन ज्यादा महत्वपूर्ण है.

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