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Covishield से डॉक्टर की मौत! बांबे हाई कोर्ट का बिल गेट्स-सीरम इंस्टीट्यूट को नोटिस

याचिकाकर्ता ने बांबे हाई कोर्ट मे अपनी बेटी की मौत के लिए कोविशील्ड वैक्सीन को जिम्मेदार ठहराते हुए टीका बनाने वालों से 1000 करोड़ रुपए का मुआवजा भी मांगा है. इसके आधार पर हाई कोर्ट ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और बिल गेट्स को नोटिस जारी किया है.

Updated on: 03 Sep 2022, 10:19 AM

highlights

  • याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि हेल्थ वर्कर होने के नाते वैक्सीन के लिए किया गया बाध्य
  • कोविशील्ड लगवाने के कुछ दिनों बाद सिर में दर्द और उलटी की शिकायत आई सामने
  • अस्पताल में इलाज के दौरान हो गई मौत, 1000 करोड़ मुआवजे की भी मांग की गई

मुंबई:

बांबे हाई कोर्ट ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) और माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स (Bill Gates) को नोटिस जारी किया है. यह नोटिस एक दायर याचिका पर दिया गया है, जिसमें याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि उसकी बेटी की मौत कोविशील्ड (Covishield) वैक्सीन लगाए जाने के बाद उभरे साइट इफैक्ट्स से हुई. याचिकाकर्ता ने इसके साथ ही वैक्सीन निर्माताओं से मुआवजे के रूप में 1,000 करोड़ रुपए की मांग भी की है. यह याचिका औरंगाबाद के रहने वाली दिलीप लुनवत ने दायर की है. यह याचिका केंद्र की एडवर्स इवेंट्स फॉलोइंग इम्युनिज़ेशन (एईएफआई) समिति की ओर से पेश रिपोर्ट को आधार बना कर दायर की गई है. 

डॉक्टर बेटी को वैक्सीन के लिए किया गया था बाध्य
याचिका में कहा गया है कि उसकी डॉक्टर बेटी स्नेहल लुनवत को बीते साल 28 जनवरी को नासिक स्थित कॉलेज के प्रबंधन ने हेल्थ वर्कर होने के कारण कोविड रोधी वैक्सीन लेने के लिए बाध्य किया. स्नेहिल ने एसआईआई द्वारा तैयार की गई कोविशील्ड वैक्सीन लगवाई थी. कुछ दिनों बाद में उभरे साइड इफैक्ट्स से उसकी मौत हो गई. जानकारी के मुताबिक स्नेहल डॉक्टर थी और महाराष्ट्र के धमनगांव स्थित एसएमबीटी डेंटल कॉलेज में सीनियर लेक्चरर बतौर कार्यरत थी. याचिका के मुताबिक वैक्सीन लगवाने के कुछ दिनों बाद स्नेहिल को सिर में दर्द की शिकायत के साथ उलटी हुई. इसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने पाया कि उसके मस्तिष्क में खून का रिसाव हो रहा था. याचिका में आगे दावा किया गया कि 1 मार्च को वैक्सीन के इन्हीं साइड इफैक्ट्स की वजह से स्नेहल की मौत हो गई.

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मामले की अगली सुनवाई 17 नवंबर को होगी
याचिकाकर्ता ने बिल गेट्स से जवाब भी मांगा है. गौरतलब है कि बिल गेट्स के द बिल एंड मिलेंडा गेट्स फाउंडेशन ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से कोरोना रोधी टीके के उत्पादन में तेजी लाने और 100 मिलियन खुराक तैयार करने के लिए साझेदारी की थी. इसके साथ ही दिलीप लुनवत ने अपनी याचिका में केंद्र सरकार, महाराष्ट्र सरकार और ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से भी इस मामले में जवाब की दरकार की है. लुनवत ने अपनी मृत बेटी समेत उन सभी लोगों के लिए न्याय की गुहार लगाई है, जिनकी वैक्सीन के विपरीत प्रभाव की वजह से 'हत्या' हो गई. इस पर सुनवाई करते हुए जस्टिस एसवी गंगापुरवाले और माधव जामदार ने 26 अगस्त को सभी लोगों को नोटिस जारी किया है. मामले में अगली सुनवाई 17 नवंबर को होगी.