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फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका, कंटेंट की मॉनीटरिंग की मांग

याचिका में कहा गया कि सोशल मीडिया पर कई फर्जी अकाउंट मौजूद हैं. कई राजनीतिक दल भी अपनी छवि सुधारने और दूसरों की खराब करने के लिए इसका इस्तेमाल करती हैं.

Updated on: 25 May 2020, 02:01 PM

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में एक जनहित याचिका दाखिल कर मांग की गई है कि फर्जी सोशल मीडिया (Social Media) अकाउंट के जरिए फेक न्यूज को फैलाया जा रहा है. फेज न्यूज से समाज को बांटने और नफरत फैलाने का काम किया जा रहा है. इन फर्जी खबरों को रोकने और इनकी मॉनीटरिंग का देश में कोई भी माध्यम मौजूद नहीं है. याचिका में कहा गया कि देश में मौजूद सोशल मीडिया अकाउंट ट्विटर, फेसबुक, वॉट्सएप और इंटाग्राम की केवाईसी किए जाने की जरूरत है जिससे अराजक तत्वों की पहचान की जा सके.

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BJP नेता ने दायर की याचिका
सुप्रीम कोर्ट में यह बीजेपी नेता विनीत गोयनका ने दायर की है. सुप्रीम कोर्ट में दायर इस याचिका में कहा गया कि सोशल मीडिया पर देश के संवैधानिक पदों पर मौजूद कई लोगों सहित प्रमुख हस्तियों के फर्जी अकाउंट बना लिए गए हैं. इन लोगों के नाम से कई फर्जी खबरें फैलाई जा रही हैं. कई लोग इन खबरों पर भरोसा भी कर लेते हैं. इससे इन लोगों की छवि लोगों के बीच नकारात्मक बन जाती है. उदाहरण देते हुए कोर्ट से कहा गया कि कई मामले ऐसे सामने आ चुके हैं जब दंगों को बढ़ावा देने या दंगों का कारण बनने में सोशल मीडिया ने प्रमुख भूमिका निभाई.

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याचिका में कहा गया कि देश में 350 मिलियन फेसबुक अकाउंट और 35 मिलियन ट्विटर अकाउंट मौजूद हैं. इनमें से करीब 10 फीसद पूरी तरह फर्जी है. इनकी पहचान के लिए फिलहाल देश में कोई सिस्टमम मौजूद नहीं है.