मास्क और सैनिटाइजर को जीएसटी (GST) फ्री करने की मांग पर आदेश देने से सुप्रीम कोर्ट ने मना कर दिया है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता वकील को फटकार लगाते हुए कहा कि आप इस मामले में एक्सपर्ट नहीं है, आप कीमत तय नहीं कर सकते. सिर्फ इसलिए कि आजकल लीगल वर्क कम है, आप इस तरह की याचिका दायर नहीं कर सकते. हम जुर्माना लगाएंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने कोविड 19 पॉजिटिव और संदिग्ध मरीजों को एक साथ न रखने की मांग पर सरकार को गौर करने को कहा. डॉक्टर कौशल कांत मिश्रा ने इसे लेकर याचिका दायर की थी.
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सरकार ने कोर्ट को बताया कि सात अप्रैल को इस बारे में सर्क्युलर जारी किया गया है. कोर्ट ने कोरोना के टेस्ट को मुफ्त करने को लेकर भी कोई आदेश देने से इंकार कर दिया है. जस्टिस संजय किशन कौल ने कहा कि ये सरकार बेहतर समझती है कि किसकी फ्री जांच की जाए. हमारे पास कोई फंड नहीं है, वैसे भी सरकारी अस्पतालों में फ्री में जांच हो रही है. इस तरह की याचिकाओं का दायर होना बंद होना चाहिए. कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि पब्लिक इंटरेस्ट पिटीशन को पब्लिसिटी इन्टरेस्ट पिटीशन मत बनाइये.
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लॉकडाउन में बेरोजगार हो गए लोगों को आमदनी देने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम अपनी ओर से सरकार को ऐसा आदेश नहीं दे सकते. मौजूदा हालात में सरकार बेहतर समझती है कि संसाधन का कैसे बेहतर इस्तेमाल हो. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने लॉकडाउन के दौरान चिड़ियाघर के जानवरों को सही मांस न मिल पाने ,उनकी सही तरह देखभाल न हो पाने की शिकायत पर कोई आदेश देने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि अभी इंसान भी दिक्कत में हैं. सरकार हालात के मुताबिक कदम उठा रही है.
Source : Arvind Singh