सुप्रीम कोर्ट में प्रवासी मजदूरों को भोजन, आश्रय देने की मांग वाली याचिका दायर
प्रवासी मजदूरों के पलायन का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. शीर्ष न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर कर भारत भर में स्थानीय प्रशासन/ पुलिस अधिकारियों को निर्देश देने की मांग की गई है कि वे फंसे हुए प्रवासी मजदूरों व कामगारों की तुरंत पहचान करें.
नई दिल्ली:
प्रवासी मजदूरों के पलायन का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. शीर्ष न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर कर भारत भर में स्थानीय प्रशासन/ पुलिस अधिकारियों को निर्देश देने की मांग की गई है कि वे फंसे हुए प्रवासी मजदूरों व कामगारों की तुरंत पहचान करें और उन्हें उचित भोजन, पानी, दवाइयों और चिकित्सा निगरानी मुहैया कराए. साथ ही याचिका में लॉकडाउन जारी रहने तक निकटतम सरकारी आश्रय गृहों में इन्हें पनाह देने की मांग की गई है.
यह भी पढ़ें- उत्तर प्रदेश के सभी प्राइवेट स्कूलों से 3 महीने की फीस माफ करने की अपील
मामले के याचिकाकर्ता वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने केंद्र से हजारों प्रवासी मजदूर परिवारों-महिलाओं, छोटे बच्चों, बड़ों और दिव्यांग आदि हजारों लोगों को पैदल यात्रा के दौरान हो रही अमानवीय दुर्दशा को दूर करने का आग्रह किया है.
ये लोग कोरोनोवायरस संकट के बीच भोजन, पानी, परिवहन, चिकित्सा या आश्रय के बिना पैदल ही सैकड़ों किलोमीटर चलकर घर जा रहे हैं. शीर्ष अदालत द्वारा इस मामले को 30 मार्च को देखने की संभावना है. श्रीवास्तव ने कहा, "पूरी दुनिया में घातक कोरोनावायरस या कोविड-19 के कारण जबरदस्त स्वास्थ्य आपात स्थिति देखी जा रही है."
यह भी पढ़ें- नकदी की सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए बैंकों और राज्यों से बात करेंगी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
उन्होंने 24 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 21 दिनों के लिए लॉकडाउन लगाने की घोषणा के प्रति समर्थन व्यक्त किया.
याचिका में कहा गया, "घातक कोरोनावायरस के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए इस तरह के लॉकडाउन बहुत आवश्यक हैं.. इस संकट की स्थिति के सबसे बड़े भुक्तभोगी गरीब, अपंजीकृत प्रवासी मजदूर हैं, जो भारत के विभिन्न बड़े शहरों में रिक्शा-चालक, कूड़ा उठाने वाले, निर्माण कार्य में लगे, कारखाने में काम करने वाले, अकुशल और अर्ध-कुशल श्रमिक आदि हैं."
यह भी पढ़ें- चीन के वुहान से लौटे छात्र ने बताया अनुभव तो पीएम मोदी बोले- जेल नहीं है लॉकडाउन
याचिका में कहा गया है कि इस संकट के बीच प्रवासी कामगार बेरोजगार और फंसे हुए हैं. याचिकाकर्ता ने दावा किया कि इन प्रवासी श्रमिकों को, जो घातक कोरोनावायरस से संक्रमित हो सकते हैं, उन्हें गांव की आबादी के साथ घुलने-मिलने की अनुमति देना सुरक्षित नहीं है, क्योंकि यह घातक परिणामों के साथ वायरस के फैलने को बढ़ावा दे सकता है. याचिकाकर्ता ने 26 मार्च को याचिका पेश की.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Heeramandi: नेटिजेंस ने निकाली संजय लीला भंसाली की सीरीज में ये गलतियां, जानें क्या है पॉइट्स
-
Bharti Singh Hospitalization: कॉमेडियन भारती सिंह हुई अस्पताल में भर्ती, बॉडी के इस हिस्से की होगी सर्जरी
-
Jyothika Trolled: फिल्म प्रमोशन में शैतान एक्ट्रेस ज्योतिका ने कर दी ऐसी हरकत, सोशल मीडिया पर बन रहा मजाक
धर्म-कर्म
-
Varuthini Ekadashi 2024: वरुथिनी एकादशी आज, इस शुभ मुहूर्त में करें पारण, जानें व्रत खोलने का सही तरीक
-
Varuthini Ekadashi 2024: शादी में आ रही है बाधा, तो वरुथिनी एकादशी के दिन जरूर दान करें ये चीज
-
Varuthini Ekadashi 2024: बरूथिनी एकादशी व्रत आज, जानें इसका महत्व, पूजा विधि और कथा
-
Varuthini Ekadashi 2024: वरुथिनी एकादशी पर अपनी राशि के अनुसार जपें मंत्र, धन वृद्धि के बनेंगे योग