बेटियों को माता-पिता का अंतिम संस्कार करने का अधिकार देने की मांग करने वाली याचिका खारिज

पीठ ने कहा, ‘हमें इस याचिका पर सुनवाई करने की कोई वजह नहीं दिखाई देती. इसलिए रिट याचिका खारिज की जाती है

पीठ ने कहा, ‘हमें इस याचिका पर सुनवाई करने की कोई वजह नहीं दिखाई देती. इसलिए रिट याचिका खारिज की जाती है

author-image
Aditi Sharma
एडिट
New Update
बेटियों को माता-पिता का अंतिम संस्कार करने का अधिकार देने की मांग करने वाली याचिका खारिज

सुप्रीम कोर्ट( Photo Credit : फाइल फोटो)

सुप्रीम कोर्ट ने बेटियों को अपने माता-पिता का अंतिम संस्कार करने का अधिकार देने के लिए दिशा-निर्देश तैयार करने को लेकर केंद्र को निर्देश देने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई से बुधवार को इनकार कर दिया. न्यायमूर्ति एस ए बोबड़े, न्यायमूर्ति अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने गरिमा भारती की याचिका खारिज करते हुए कहा कि अदालतें ऐसे मामलों में हस्तक्षेप नहीं कर सकती क्योंकि यह ‘आस्था और विश्वास’ का मामला है.

Advertisment

यह भी पढ़ें: डॉ. नम्रता कुमारी मर्डर केस में बड़ा खुलासा, हत्या से पहले हुआ था बलात्कार

पीठ ने कहा, ‘हमें इस याचिका पर सुनवाई करने की कोई वजह नहीं दिखाई देती. इसलिए रिट याचिका खारिज की जाती है. हालांकि, याचिकाकर्ता सामाजिक अधिकारिता मंत्रालय के समक्ष याचिका दे सकती हैं. लंबित अर्जी का निपटारा हो गया समझा जाए.’ सुनवायी के दौरान पीठ ने कहा कि भारत में कुछ समुदाय हैं जो बेटियों को अपने माता-पिता का अंतिम संस्कार करने की अनुमति देते हैं जबकि कुछ समुदाय नहीं देते. पीठ ने कहा, ‘अगर यह रस्म अपराध नहीं है तो सरकार ऐसी चीजों पर नियंत्रण नहीं लगा सकती.’ 

Supreme Court petition Court
      
Advertisment