/newsnation/media/post_attachments/images/2020/03/18/ranjan-gogoi-35.jpg)
पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई( Photo Credit : फेसबुक)
पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई (Ranjan Gogoi) को भारतीय जनता पार्टी ने मनोनीत कर राज्यसभा सदस्य बनाया है. पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई (Ranjan Gogoi) के राज्यसभा सदस्य मनोनीत किए जाने के खिलाफ सामाजिक कार्यकर्ता मधु किश्वर ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका दाखिल की है. मधु किश्वर ने कहा है कि ये फैसला न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर आघात है, लोगों का न्यायपालिका पर विश्वास दांव पर लग गया है. अर्जी में सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जजों के रिटायरमेंट के बाद पद लेने पर दिशानिर्देश बनाने की भी मांग भी की गई है.
Former Chief Justice of India Ranjan Gogoi arrives at Delhi airport. https://t.co/IrCKvKqmGEpic.twitter.com/w4SlhTgOEE
— ANI (@ANI) March 18, 2020
आपको बता दें कि देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई भारतीय जनता पार्टी की ओर से राज्यसभा की सदस्यता के लिए मनोनीत किए गए हैं और वो गुरुवार को सुबह 11 बजे राज्यसभा सदस्य के रूप में शपथ लेंगे. इसके पहले सोमवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सरकार की अनुशंसा पर गोगोई को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया था.
आपको बता दें कि पूर्व मुख्य न्यायाधीश ने अपने कार्यकाल के दौरान देश के सबसे विवादित मुद्दों में से एक अयोध्या भूमि विवाद, राफेल लड़ाकू विमान और सबरीमला में महिलाओं के प्रवेश समेत कई अहम मामलों पर फैसला सुनाने वाली पीठ की अध्यक्षता की थी. गृहमंत्रालय ने सोमवार की रात को ही अधिसूचना जारी कर गोगोई को उच्च सदन के लिये मनोनीत करने की घोषणा कर दी थी.
यह भी पढ़ें-पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कोविड-19 से लड़ने के लिए राष्ट्रीय एकता का किया आह्वान
कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने गोगोई पर उठाए सवाल
वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश पर हमला बोलते हुए कहा कि, उन्हें सरकार को राफेल मामले में क्लीन चिट देने के मामले में सफाई देने के लिए कहा है. कांग्रेस नेता सिब्बल ने गोगोई की टिप्पणी का जिक्र करते हुए ट्वीट किया कि ‘रंजन गोगोई ने कहा था कि मैं शपथ लेने के बाद मीडिया को बताऊंगा कि मैंने क्यों राज्यसभा जाने का प्रस्ताव स्वीकार किया. कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि वो यह भी बताएं कि अपने ही केस में निर्णय लेने के लिए बंद लिफाफा प्रणाली क्यों अपनाई, साथ यह भई पूछा कि चुनावी बॉन्ड मामले को संज्ञान में क्यों नहीं लिया और सीबीआई निदेश को हटाए जाने की वजह क्या थी.