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प्रतीकात्मक फोटो( Photo Credit : फाइल फोटो)
महाराष्ट्र में कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना के गठबंधन और सरकार बनाने के खिलाफ दायर याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोकतांत्रिक देश में हम एक राजनीतिक दल को दूसरे दल के साथ गठबंधन से नहीं रोक सकते. कोर्ट ने कहा कि इस मामले में कोर्ट के दखल की उम्मीद न करें. इस मामले का फैसला जनता करेगी, कोर्ट ऐसे मामले तय नहीं कर सकता.
Supreme Court while dismissing the plea said “Don't expect us to go into areas where the court has no jurisdiction. The political parties have to abide by the promises made. We expect parties to abide by promises but if for some reason they don't, we cannot do anything about it.” https://t.co/TBGM7s9lRE
— ANI (@ANI) November 29, 2019
जस्टिस रमना ने कहा कि राजनीतिक दल अपने घोषणा पत्र में बहुत सारे वादे करते है, लेकिन क्या हम मजबूर कर सकते है कि जीतने के बाद उन वायदों को पूरा करें, तब तो लोकतंत्र का कोई मतलब ही नहीं रह जायेगा.
महाराष्ट्र में कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना के गठबंधन और सरकार बनाने के खिलाफ अखिल भारत हिंदू महासभा नेता प्रमोद जोशी ने याचिका दायर की थी. प्रमोद जोशी की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि चुनाव पूर्व गठबंधन तोड़ बनी सरकार असंवैधानिक है. जनता ने बीजेपी -शिवसेना गठबंधन के लिए जनादेश दिया था लेकिन चुनाव के बाद शिवसेना ने बीजेपी से नाता तोड़कर कांग्रेस-NCP के साथ गठबंधन किया, जो जनता के साथ विश्वासघात है.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो