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पिटबुल के लगातार हो रहे हमलों को लेकर पेटा इंडिया का बड़ा कदम, बैन की मांग

पिटबुल कुत्तों द्वारा बार-बार किए गए हमलों के बाद, पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (पेटा) इंडिया ने आज दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र सरकार से कुत्तों की नस्ल रखने, प्रजनन और बिक्री पर रोक (बैन) लगाने का आह्वान किया है.

Updated on: 13 Sep 2022, 04:44 PM

नई दिल्ली:

पिटबुल कुत्तों द्वारा बार-बार किए गए हमलों के बाद, पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (पेटा) इंडिया ने आज दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र सरकार से कुत्तों की नस्ल रखने, प्रजनन और बिक्री पर रोक (बैन) लगाने का आह्वान किया है. अवैध पालतू जानवरों की दुकानों और प्रजनकों को बंद करना; और अवैध डॉगफाइट्स पर नकेल कसने पर भी पेटा ने जोर दिया है. बता दें कि कुछ दिनों पहले पेटा ने इसी संबंध में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्य के शहरी विकास मंत्री अरविंद कुमार शर्मा से भी कुत्तों की नस्ल रखने, प्रजनन और बिक्री पर रोक लगाने का आह्वान किया है. 

दरसअल पेटा ने यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि देशभर में पिटबुल के हमले लगातार बढ़ते जा रहे हैं - मेरठ में, जहां एक किशोर पिट बुल द्वारा गंभीर रूप से घायल हो गया था. लखनऊ में, जहां एक बुजुर्ग महिला को पिट बुल ने मार डाला; और गुरुग्राम में, जहां पिट बुल के हमले में एक महिला गंभीर रूप से घायल हो गई – सभी पिछले दो महीनों के अंदर के मामले हैं.

पेटा इंडिया ने कहा है कि मालिकों को निर्देश जारी होने के एक महीने के भीतर अनिवार्य नसबंदी और सरकारी पंजीकरण के लिए निषिद्ध सूची में रखी गई नस्लों की घोषणा करने के साथ-साथ इनमें से किसी भी नए कुत्तों को प्रतिबंधित करने की आवश्यकता है. उस महीने के पूरा होने के तुरंत बाद एक निर्धारित तिथि के बाद नस्ल, रखा या बेचा जाता है. यूपी ने कथित तौर पर पिट बुल, रॉटवीलर और मास्टिफ नस्लों को प्रतिबंधित करने में रुचि दिखाई है.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत में, जानवरों के प्रति क्रूरता की रोकथाम अधिनियम, 1960 के तहत कुत्तों को लड़ने के लिए उकसाना अवैध है, फिर भी उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में संगठित डॉगफाइट्स प्रचलित हैं. जिससे पिट बुल-टाइप कुत्ते और इन लड़ाई में इस्तेमाल होने वाले अन्य कुत्तों की नस्लें सबसे अधिक दुर्व्यवहार करती हैं.

पिट बुल को आमतौर पर अवैध लड़ाई में इस्तेमाल करने के लिए पाला जाता है या भारी जंजीरों पर हमला करने वाले कुत्तों के रूप में रखा जाता है, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें और हमला झटकने वाले जानवरों और इंसानो की जान पर भी बन आती है.