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भारत में कोरोना की इस दवा को मिली बेचने की अनुमति, महज इतने रुपये है एक टैबलेट की कीमत

राहत की बात यह है कि कोरोना वायरस की सबसे सस्ती दवा बन चुकी है. एक कंपनी को अपनी इस दवा को बाजार में लाने की अनुमति भी मिल गई है.

Updated on: 24 Jul 2020, 03:32 PM

नई दिल्ली:

जानलेवा कोरोना वायरस (Corona Virus) ने पिछले 6 महीनों से पूरी दुनिया में तबाही मचा रखी है. इस महामारी की चपेट में आए भारत में भी मरीजों का आंकड़ा 13 लाख के करीब पहुंच गया है, जबकि मरीजों की संख्या 30 हजार के पार हो चुकी है. ऐसे में सभी की निगाहें कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) पर टिकी हैं कि कब कोरोना की वैक्सीन आए और इस घातक वायरस से छुटकारा मिले. इस बीच राहत की बात यह है कि कोरोना वायरस की सबसे सस्ती दवा बन चुकी है. एक कंपनी को अपनी इस दवा को बाजार में लाने की अनुमति भी मिल गई है.

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डीसीजीआई ने दी दवा कंपनी को अनुमति

भारतीय औषध महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने कोरोना की दवा को बाजार में लाने के लिए दवा कंपनी को अनुमति दी है. कोरोना की इस दवा को ब्रिन्टन फार्मास्यूटिकल्स कंपनी ने बनाया है, जिसका नाम फैवीटॉन (Faviton) है. हालांकि बाजार में इस दवा को फैवीपिरावीर (Favipiravir) के नाम से बेचा जा रहा है. कंपनी की ओर से दावा किया गया है कि यह एंटीवायरल ड्रग है, जो इस महामारी से लड़ने में कोरोना मरीजों की मदद करेगी.

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59 रुपये होगी दवा की एक टैबलेट की कीमत

कोविड-19 के इलाज में आपातकालीन स्थिति में इस्तेमाल के लिए मंजूरी प्राप्त अन्य दवाओं के मुकाबले फैवीपिरावीर कहीं ज्यादा सस्ती बताई जा रही है. इस दवा की एक टैबलेट की कीमत 59 रुपये है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिन्टन फार्मा की ओर से कहा गया है कि एक टैबलेट की कीमत 59 रुपये होगी. यह दवा 200 मिलीग्राम की टैबलेट में आएगी. कंपनी का कहना है कि इस दौर में फैवीपिरावीर (Favipiravir) दवा की जरूरत सबको है. ये दवा उन मरीजों के लिए बेहतर है, जिन्हें कोरोना का हल्का या मध्यम दर्जे का संक्रमण है.