गैर जरूरी सामान की बिक्री की इजाजत से लॉकडाउन पर पड़ सकता है असर : गृह मंत्रालय

गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कहा कि पल-पल स्थिति बदल रही है और तकरीबन हर दिन फैसलों की समीक्षा की जा रही है .

गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कहा कि पल-पल स्थिति बदल रही है और तकरीबन हर दिन फैसलों की समीक्षा की जा रही है .

author-image
Ravindra Singh
New Update
punya salil srivastva

पुण्या सलिल श्रीवास्तव( Photo Credit : ट्विटर)

गृह मंत्रालय ने रविवार को कहा कि देश में लागू लॉक डाउन (Lock Down) के दौरान ई-कॉमर्स कंपनियों के जरिए गैर जरूरी वस्तुओं की बिक्री की अनुमति को वापस लेने का फैसला इसलिए किया गया क्योंकि ऐसा महसूस हुआ कि सामानों की सूची बहुत व्यापक है और इससे कोरोनावायरस (Corona Virus) से निपटने के लिए लागू बंदिशों पर असर पड़ सकता है. संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कहा कि पल-पल स्थिति बदल रही है और तकरीबन हर दिन फैसलों की समीक्षा की जा रही है . उन्होंने कहा, जैसा की आपको पता है, कोरोना वायरस के खिलाफ हमारी मुहिम में कुछ पाबंदी जरूरी है. गैर जरूरी सामानों की सूची और समग्र हालात की समीक्षा की गयी. ऐसा पाया गया कि सूची बहुत विशाल है. अगर हम सभी सामानों को अनुमति देते हैं तो इससे लॉकडाउन पर असर पड़ सकता है. हालात के मुताबिक फैसले की समीक्षा की गयी . 

Advertisment

लॉकडाउन तीन मई से आगे बढ़ाने की स्थिति में फंसे हुए छात्रों और मजदूरों के लिए उपायों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मंत्रालय सही समय पर उपयुक्त दिशा-निर्देश जारी करेगा. केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने आदेश जारी किया जिसमें ई-कॉमर्स कंपनियों के वाहनों में ढुलाई से गैर-जरूरी सामान को हटा दिया गया है. इसमें समेकित संशोधित दिशा-निर्देशों से ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा गैरजरूरी उत्पादों की बिक्री को हटा दिया गया है. इससे पहले 15 अप्रैल को जारी आदेश में ई-कॉमर्स कंपनियों को 20 अप्रैल से गैर-जरूरी सामान की बिक्री की अनुमति दी गई थी.

गृहमंत्री अमित शाह ने हालात की समीक्षा की
श्रीवास्तव ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह ने अधिकारियों के साथ हालात की समीक्षा की है. क्लस्टर, हॉटस्पॉट तथा कंटेनमेंट क्षेत्रों को छोड़कर जहां पर कुछ गतिविधियों की अनुमति दी जाएगी उसके लिए उन्होंने अतिरक्त सतर्कता बरतने को कहा है. उन्होंने कहा छूट वास्तविक परिस्थितियों का आकलन करने ही देना चाहिए . केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लॉकडाउन पर अपने हालिया आदेश में कहा है कि सामाजिक दूरी के नियमों और मास्क पहनने जैसे निर्देशों का कड़ाई से पालन हो, इसके लिए जिलाधिकारी को पुलिस, पंचायत और राजस्व अधिकारियों की मदद से ग्रामीण इलाके में गश्त सुनिश्चित करना चाहिए.

यह भी पढ़ें-Lock Down: 20 तारीख के बाद भी नहीं खरीद सकेंगे ये सामान, सरकार ने पलटा अपना फैसला

मजदूरों को उनके काम की जगह पर पहुंचाएं
गृह मंत्रालय के हालिया दिशा-निर्देश का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में आर्थिक गतिविधियों की अनुमति देने के बाद जिला अधिकारियों को उद्योगों के साथ सहयोग से राज्य के भीतर ही मजदूरों को उनके काम की जगह पर पहुंचाने की व्यवस्था करनी चाहिए . इससे आर्थिक गतिविधियों में भी मदद मिलेगी और मजदूरों के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे.

यह भी पढ़ें-Lock Down और मास्क की आड़ में दिल्ली में हो रही है लूट की ताबड़तोड़ वारदात 

मजदूर शिविरों को अच्छी गुणवत्ता का भोजन मिले
श्रीवास्तव ने कहा कि इस पर भी ध्यान दिए जाने की जरूरत है कि प्रवासी मजदूरों के शिविरों में अच्छी गुणवत्ता के भोजन परोसे जाएं. उन्होंने कहा कि सामुदायिक स्तर पर कोरोना वायरस की जांच के लिए जाने वाले चिकित्सा दल की पर्याप्त सुरक्षा भी सुनिश्चित करना चाहिए और अभियान के समय समुदाय के नेताओं और अमन कमेटी की भी मदद लेनी चाहिए.

covid-19 corona-virus home ministry lock down Punya Salil Srivastva
      
Advertisment