logo-image

गुलाम मानसिकता वाले लोग कर रहे हैं राम मंदिर का विरोध : आरएसएस

आरएसएस के एक कार्यक्रम में सुरेश जोशी उर्फ भैयाजी जोशी ने कहा कि दासता की मानसिकता वाले लोग ही राममंदिर का विरोध कर रहे हैं.

Updated on: 03 Dec 2018, 07:52 PM

नई दिल्ली:

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरकार्यवाह सुरेश जोशी उर्फ भैयाजी जोशी सोमवार को आगरा पहुंचे. संगठन के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि दासता की मानसिकता वाले लोग ही राममंदिर का विरोध कर रहे हैं. जोशी ने संघ की शाखा में नियमित आने वाले व्यावसायिक स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि राममंदिर मुसलमानों के खिलाफ नहीं है. यह हिंदुओं की आस्था का प्रतीक है. इसका विरोध दासता की मानसिकता वाले लोग ही कर रहे हैं.

सरकार्यवाह ने कहा, 'संघ को लेकर लोग अलग-अलग कल्पना करते हैं. गंगा और गाय सभी धर्म, पंथ और वर्गो को समान रूप से लाभ पहुंचाती है. उसमें समाज को भी विभेद क्यों करना चाहिए. हालांकि गंगा और गाय की बात करने पर उसे सांप्रदायिक करार दिया जाता है. संघर्ष का वातावरण बनाया जाता है. पवित्र गंगा को स्वच्छ और निर्मल करना और गाय का संरक्षण सभी का कर्तव्य है.'

उन्होंने कहा कि संघ किसी का विरोधी नहीं है. समाज में हर वर्ग के उत्थान के लिए काम करने में संघ लगा है. संघ की शाखा में आने के बाद व्यक्ति के व्यवहार में बदलाव आना चाहिए, उसकी समाज के प्रति सकारात्मक सोच होनी चाहिए। आज भी हिंदू समाज दुर्लभ है. इसलिए संघ काम कर रहा है.

जोशी ने कहा कि समाज में एकात्मता के भाव को लेकर काम करने से ही समाज बलवान व शिक्षित होगा. इतिहास गवाह है कि हिंदुओं की एकजुटता ही उनको शक्तिशाली बनाती है. संघ सभी का सम्मान करता है.

इसे भी पढ़ें : अयोध्‍या में राम मंदिर बनाने की राह हुई आसान? VHP ने किया यह बड़ा दावा

उन्होंने कहा कि समाज को शिक्षित, संस्कारित व संगठित करने की जिम्मेदारी हिंदुओं की है. 'भारत माता की जय' के जयकारे से काम नहीं चलेगा. सशक्त, संस्कारवान और जाग्रत हिंदू समाज के लिए आदिकाल से तमाम महापुरुषों ने समय-समय पर आंदोलन चलाए हैं. उसी कार्य को संघ भी आगे बढ़ा रहा है. इस कार्य का उद्देश्य स्वयं को सशक्त बनाना है न कि किसी अन्य का पराभव करना. संघ एक देश, एक समाज की अवधारणा पर कार्य करता है.

सहकार्यवाह ने कहा कि समाज के हर वर्ग का उत्थान हो, इस बात की चिंता करने की आवश्यकता है. कोई भी परेशान ना हो, यह सकारात्मक सोच रहनी चाहिए. जाति के आधार पर कभी किसी का विकास नहीं हुआ. जो लोग हमेशा अपने बारे में सोचते हैं, वो गलत हैं. हिंदुओं की एकजुटता ही उनकी शक्ति है.