logo-image

मुंबई के लोग देखेंगे ब्रिटिशकाल का बंकर, दिवाली के आस-पास खोला जाएगा

महाराष्ट्र के राजभवन परिसर में इतिहास का एक टुकड़ा ब्रिटिशकाल के बंकर के रूप में तीन साल पहले सामने आया था, जिसे अब आम जनता के देखने के लिए दिवाली के आस-पास खोल दिया जाएगा.

Updated on: 26 Aug 2019, 02:00 AM

नई दिल्ली:

महाराष्ट्र के राजभवन परिसर में इतिहास का एक टुकड़ा ब्रिटिशकाल के बंकर के रूप में तीन साल पहले सामने आया था, जिसे अब आम जनता के देखने के लिए दिवाली के आस-पास खोल दिया जाएगा. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 18 अगस्त को भारत के पहले भूमिगत संग्रहालय का अनावरण किया. यह सदी पुराना बंकर 15 हजार स्कावयर फीट में फैला है, जिसमें 13 कमरे और एक 20 फीट ऊंचा राजसी द्वार है. राजभवन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा,'कई दशकों से सब कुछ दफन था, लेकिन एक सेवानिवृत्त कर्मचारी ने राज्यपाल सी.वी. राव को सूचित किया कि राजभवन के परिसर में एक बंकर है.'

उन्होंने कहा,'राज्यपाल ने बंकर को खोलने और इसे संग्रहालय के रूप में तैयार करने के आदेश दिए.'

हालांकि बंकर परिसर की सटीक ऐतिहासिक साख इतिहासकारों और विशेषज्ञों द्वारा खोजी जा रही है, लेकिन कहा जा रहा है कि इसका निर्माण प्रथम और द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के इरादे से कराया गया होगा.

अधिकारी ने बताया,'सावधानीपूर्वक खुदाई करने के बाद हमने पाया कि एक सदी से भी अधिक समय से अरब सागर, बारिश और नमी के टपकने के कारण इसके ऊपरी हिस्से के लॉन पर काफी बुरा प्रभाव पड़ा. राजपाल ने इच्छा जताई कि आसपास की संरचनाओं की सुरक्षा से समझौता किए बिना इसे संरक्षित किया जाना चाहिए."

बंकर का प्रवेशद्वार किसी महल के समान लगता है और अंदर कई कमरे हैं, जिनके नाम शेल स्टोर, गन शेल, कार्टिरेज स्टोर, शेल लिफ्ट, पंप, सेंट्रल आर्टिलरी स्टोर, वर्कशॉप आदि हैं.