वीकेंड पर एटीएम के आगे दिख रही है लंबी कतारें, कई मशीनों में नहीं मिल रहे पैसे

नकदी की किल्लत से जूझ रहे लोगों को शनिवार को भी कोई राहत नहीं मिली

नकदी की किल्लत से जूझ रहे लोगों को शनिवार को भी कोई राहत नहीं मिली

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Deepak Kumar
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वीकेंड पर एटीएम के आगे दिख रही है लंबी कतारें, कई मशीनों में नहीं मिल रहे पैसे

कई ATM मशीनों में नहीं मिल रहे पैसे

बैंकों में तीन दिनों की छुट्टी के पहले दिन राष्ट्रीय राजधानी में उन एटीएम के बाहर कतार में सैकड़ों लोग देखे गए जिनसे नकदी निकल रही थी। राजधानी के ज्यादातर एटीएम मशीनों से नकदी हालांकि नदारद रही।

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नकदी की किल्लत से जूझ रहे लोगों को शनिवार को भी कोई राहत नहीं मिली, क्योंकि पैसे निकालने के लिए एटीएम के बाहर कतारों में लगे आक्रोशित व परेशान लोगों की संख्या में कोई कमी नहीं आई है।

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शहर में घूम-घूम कर एटीएम के हालात का जायजा लेने वाले आईएएनएस के एक संवाददाता ने अधिकांश एटीएम मशीनों में 'नो कैश' का बोर्ड लगा पाया या फिर उनके शटर गिरे मिले।

संवाददाता ने पूर्वी दिल्ली के विकास मार्ग स्थित 13 एटीएम का जायजा लिया, जिनमें से केवल प्रीत विहार मेट्रो स्टेशन के पास स्थित विजया बैंक का एटीएम काम करता दिखा। बाकी सभी बैंकों के एटीएम में पैसे नहीं डाले गए थे।

पूर्वी दिल्ली के गगन विहार निवासी महेश सिंह ढिल्लन ने आईएएनएस से कहा, "मैं यहां लगभग एक घंटे से कतार में खड़ा हूं। लेकिन फिर भी मैं इस बात से आश्वस्त नहीं हूं कि मेरे हाथ नकदी आएगी या नहीं।"

अपना गुस्सा जताते हुए ढिल्लन ने कहा, "मेरे परिवार में कुल छह लोग हैं और मेरे पास मात्र 300 रुपये बचे हैं, इसलिए अगर मुझे आज नकदी नहीं मिली, तो मुझे किसी दोस्त या रिश्तेदार से पैसे उधार लेने पड़ेंगे।"

ललित (60) की शिकायत है कि एटीएम लाइन में धक्का-मुक्की के मद्देनजर वरिष्ठ नागरिकों के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है। लोग सर्द रात में भी कतार में लगे रहते हैं।

उन्होंने कहा, "मैं एक वरिष्ठ नागरिक हूं, लेकिन यहां हमें कोई प्राथमिकता नहीं दी गई है। ज्यादातर युवक चार-चार एटीएम कार्ड लेकर घुस जाते हैं। हमें कहां से मिलेगा।"

बैंकों की लड़खड़ाती व्यवस्था पर अफसोस जताते हुए सुरेंद्र सक्सेना (70) ने कहा, "जब हम बैंक जाते हैं, तो बैंककर्मी हमें दूसरे दिन के लिए टोकन पकड़ा देते हैं। क्या इस उम्र में हम रोज बैंक जाने और कतार में लगने लायक हैं?"

संवाददाता ने दिल्ली के पटपड़गंज इलाके का भी दौरा किया, जहां सात एटीएम में से बैंक ऑफ बड़ौदा का एक एटीएम काम करता दिखा।

शारदा यूनिवर्सिटी में बीएससी (आईटी) के एक छात्र संजय कुमार सिन्हा ने कहा, "एटीएम से नकदी निकलना शुरू होने के ठीक 10 मिनट बाद मुझे इसकी जानकारी मिली। लेकिन जब मैं यहां पहुंचा तो मेरे आगे पहले ही 35 लोग कतार में लग चुके थे।"

उल्लेखनीय है कि मोदी सरकार द्वारा बीते आठ नवंबर की मध्यरात्रि से 500 रुपये तथा 1,000 रुपये के नोटों को अमान्य घोषित करने के बाद देशभर में नकदी की भारी किल्लत पैदा हो गई है। देश में मुद्रा के प्रवाह में 500 रुपये तथा 1,000 रुपये के नोटों का शेयर 86 फीसदी था। अपना पैसा पाने के लिए लोग धक्के खाते फिर रहे हैं, तनाव झेल रहे हैं। लोग चिड़चिड़ा होने लगे हैं, जिस कारण घरों में कलह मचा हुआ है।

Source : IANS

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