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पेंटागन की हिदायत, भारत चीन ताकत नहीं आपसी बातचीत से मसले तय करें

भारत और चीन सीमा विवाद को लेकर चिंता जताते हुए अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने दोनों देशों को बातचीत से समाधान निकालने और तनाव कम करने की अपील की है। पेंटागन ने दोनों देशों को ताकत का इस्तेमाल नहीं करने की नसीहत दी है।

Updated on: 22 Jul 2017, 03:11 PM

highlights

  • अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने भारत-चीन को बातचीत से सीमा विवाद का हल निकालने की सलाह दी है
  • पेंटागन ने दोनों देशों को ताकत का इस्तेमाल नहीं करने की नसीहत दी है

नई दिल्ली:

भारत और चीन सीमा विवाद को लेकर चिंता जताते हुए अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने दोनों देशों को बातचीत से समाधान निकालने और तनाव कम करने की अपील की है। पेंटागन ने दोनों देशों को ताकत का इस्तेमाल नहीं करने की नसीहत दी है।

रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता गैरी रॉस ने कहा, 'हम भारत और चीन से सीधे बातचीत की मदद से तनाव कम करने की अपील करते हैं।'

गौरतलब है कि सिक्किम के डाकोला इलाके में यथा स्थिति को तोड़ते हुए चीन सड़क बना रहा था, जिसका भारत ने जोरदार विरोध किया है। जून 2017 में शुरू हुआ यह गतिरोध अब एक महीने से ज्यादा लंबा खिंच चुका है।

प्रवक्ता ने हालांकि भारत और चीन के बारे में पूछे गए अन्य सवालों का जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा, 'इस मामले में भारत और चीन की सरकार से ज्यादा जानकारी का इंतजार किया जा रहा है। हम तनाव कम करने के लिए दोनों देशों के बीच सीधे बातचीत की अपील करते हैं। हम इस मामले में कोई अनुमान लगाने नहीं जा रहे हैं।'

इस महीने के आखिर में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ब्रिक्स की बैठक में शामिल होने के लिए बीजिंग जाने वाले हैं। डोभाल अपनी इस यात्रा के दौरान सीमा विवाद का मुद्दा उठा सकते हैं।

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चीन का दावा है कि वह अपने इलाके में सड़क का निर्माण कर रहा है और उसने पहले भारतीय सेना के पीछे हटने की अपील की है। हालांकि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने साफ कर दिया है कि चीनी सेना के पीछे हटने के बाद ही भारतीय सेना पीछे हटेगी।

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भारत इस इलाके को डाकोला बताता है, जबकि चीन इसे डैंगलोंग क्षेत्र बताता है। वहीं भूटान इस इलाके को डोकालम बुलाता है। 2012 में हुए समझौते के मुताबिक भारत और चीन ने इस इलाके में यथा स्थिति बरकरार करने का समझौता किया था।

भारत और चीन के बीच 3,488 किलोमीटर लंबी सीमा है, जिसमें 220 किलोमीटर का इलाका सिक्किम में पड़ता है। पिछले एक महीने से जारी तनाव के बीच चीनी मीडिया लगातार भारत के खिलाफ भड़काऊ बयानबाजी करते हुए युद्ध की धमकी दे रहा है।

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