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लॉकडाउन दिशानिर्देशों में उल्लिखित जुर्माने नियोक्ता पर लापरवाही की स्थिति में ही होंगे लागू: सरकार

सरकार ने स्पष्ट किया कि ग्रामीण क्षेत्रों के कारखानों में कामकाज फिर से शुरू करने पर गृह मंत्रालय के 15 अप्रैल को जारी दिशानिर्देशों में सूचीबद्ध जुर्माने नियोक्ताओं पर तभी लागू होंगे, जब मालिक की सहमति, संज्ञान या लापरवाही से अपराध होता है.

Updated on: 23 Apr 2020, 12:27 AM

दिल्ली:

सरकार ने बुधवार को स्पष्ट किया कि ग्रामीण क्षेत्रों के कारखानों में कामकाज आंशिक रूप से फिर से शुरू करने पर गृह मंत्रालय के 15 अप्रैल को जारी दिशानिर्देशों में सूचीबद्ध जुर्माने नियोक्ताओं पर तभी लागू होंगे, जब मालिक की सहमति, संज्ञान या लापरवाही से अपराध होता है. गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने एक ट्वीट में कहा कि कुछ खबरों में इस बात को गलत तरह से पेश किए जाने के बाद यह स्पष्टीकरण जारी किया जा रहा है.

खबरों में दावा किया गया कि मंत्रालय के दिशानिर्देशों में कहा गया है कि अगर कर्मचारी को कोविड-19 के संक्रमण की पुष्टि होती है तो कंपनी के निदेशकों या प्रबंधन के खिलाफ दंडनीय कार्रवाई की जाएगी. ट्वीट में कहा गया, दावा किया गया कि गृह मंत्रालय के दिशानिर्देशों में कर्मचारी के कोविड-19 से संक्रमित पाए जाने पर कंपनी निदेशकों और प्रबंधन के खिलाफ दंडनीय कार्रवाई की बात कही गई है.

वास्तविकता यह है कि आपदा प्रबंधन कानून 2005 के तहत जुर्माने संबंधी दिशानिर्देशों की गलत व्याख्या की गई है और ये तब लागू होंगे जब नियोक्ता की सहमति,संज्ञान या लापरवाही से अपराध होता है. केंद्र सरकार के पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) ने भी एक ट्वीट में कहा कि इस संबंध में गलत खबरें आई हैं क्योंकि खंड 21 के तहत प्रावधान ‘प्रबंधन के लिए सावधानियां’ की प्रकृति वाले हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 अप्रैल को लॉकडाउन तीन मई तक बढ़ाने की घोषणा की थी और एक दिन बाद समेकित संशोधित दिशानिर्देश जारी किये गये थे.