Advertisment

कश्मीर के माछल गांव में मनाया गया पीर बाबा दिवस

कश्मीर के माछल गांव में मनाया गया पीर बाबा दिवस

author-image
IANS
New Update
Peer Baba

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

Advertisment

कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के माछल सीमावर्ती गांव में स्थानीय निवासियों और सेना द्वारा संयुक्त रूप से पीर बाबा दिवस मनाया गया।

रक्षा प्रवक्ता, कर्नल एमरोन मुसावी ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि 11 अगस्त को माछल गैरीसन में पीर बाबा दिवस मनाया गया, जिसमें माछल, दपबल और पुष्वरी के ग्रामीणों ने बड़ी संख्या में भाग लिया।

इस वर्ष पीर बाबा दरगाह को राष्ट्रीय राइफल्स और ग्रामीणों के सहयोगात्मक प्रयासों से पुनर्निर्मित किया गया था और प्रयासों की परिणति को चिह्न्ति करने के लिए इस उत्सव का आयोजन किया गया था।

माछल दरगाह 1965 में अस्तित्व में आया था। उस अवधि के दौरान, माछल को किसी भी खेती योग्य भूमि से वंचित किया गया था और फसल की उपज भी बहुत कम थी।

11 अगस्त 1965 को गांव के एक बुजुर्ग मोहम्मद सोहेल शाह ने दरगाह पर पूजा-अर्चना की और गांव की भलाई के लिए आशीर्वाद मांगा।

इसके बाद, गांव को अच्छी फसल प्राप्त हुई और स्थानीय लोगों के लिए मंदिर में विश्वास बहाल हो गया। चूंकि मोहम्मद सोहेल शाह ने 11 अगस्त को दरगाह का दौरा किया था और यह दिन ग्रामीणों के कष्टों के अंत का प्रतीक है, इसलिए इस दिन को इस घाटी में माछल पीर बाबा दिवस के रूप में मनाया जाता है।

पीर बाबा की दरगाह पर सभी धर्मों के लोग आते हैं। जुम्मे की नमाज से एक दिन पहले हर गुरुवार को लोग पीर बाबा का आशीर्वाद लेने आते हैं।

इस क्षेत्र के लोगों का विश्वास है कि पीर बाबा उनके रक्षक हैं।

इसके अलावा, राष्ट्रीय राइफल्स के जवान हर गुरुवार को दरगाह पर जाते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं।

बुधवार को ग्रामीणों ने सैनिकों के साथ दरगाह का दौरा किया और माछल घाटी और उसके लोगों की समृद्धि और सद्भावना के लिए प्रार्थना की।

समारोह में बच्चे भी शामिल हुए और सभी को मिठाई बांटी गई।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

Advertisment
Advertisment
Advertisment