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कोरोना महामारी में भी पीपल बाबा लगा रहे हैं पेड़

कोरोना वायरस से जहां इस समय पूरी दुनिया लड़ रही है. वहीं गिव मी ट्री ट्रस्ट (Give me Trees Trust) के संस्थापक और पीपल बाबा के नाम से मशहूर प्रेम परिवर्तन पेड़ लगाने की अपील कर रहे हैं.

Updated on: 20 May 2020, 12:28 AM

नई दिल्ली:

कोरोना वायरस से जहां इस समय पूरी दुनिया लड़ रही है. वहीं गिव मी ट्री ट्रस्ट (Give me Trees Trust) के संस्थापक और पीपल बाबा के नाम से मशहूर प्रेम परिवर्तन पेड़ लगाने की अपील कर रहे हैं. उनका कहना है कि अगर इस समय हर नागरिक सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अगर एक पेड़ लगाए तो आसानी से बारिश के मौसम में पर्यावरण के लिए लाभ होगा. कोरोना के योद्धा लगातार फ्रंटलाइन पर काम कर रहे हैं. लेकिन पर्यावरण के लिए Give me Trees Trust के पर्यावरण योद्धा भी लगातार काम कर रहे हैं.

पीपल बाबा का कहना है कि लॉकडाउन के कारण औद्योगिक गतिविधियां थमी हुई हैं. जिसके कारण पर्यावरण में प्रदूषण कम है. लेकिन लॉकडाउन खुलते ही एक बार फिर पर्यावरण फिर प्रदूषित होगा. इस लिए लॉकडाउन में ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने चाहिए. इसी से संकट को अवसर में बदला जा सकता है.

1977 से पेड़ लगाओ अभियान की शुरुआत करने वाले पीपल बाबा का सफ़र लगातार जारी है. कोरोना जैसी महामारी में सभी लोग जहाँ पर खुद को अलग करते हुए अपने घरों में कैद हैं वहीं पीपल बाबा और उनकी टीम सोशल डिस्टेंसिंग को फॉलो करते हुए अपने पेड़ लगाओ अभियान में जुटी हुई है. पीपल बाबा बताते हैं कि जिंदगी का एक एक दिन अमूल्य है. हमें ईश्वर ने पेड़ लगाने और देश के पर्यावरण को बचानें की जिम्मेदारी दी है. मैं अपनी जिम्मेदारी को निभाना चाहता हूँ. आगे वे कहते हैं कि इस महामारी में हमें पहले खुद को सुरक्षित करना है, खुद को सुरक्षित रखते हुए देश को सुरक्षित रखेने की जिम्मेदारी हर इंसान को निभानी है लेकिन धरती पर बढ़ रहे ग्लोबल वार्मिंग और प्रदुषण से बचाने के लिए पेड़ लगाने का अभियान भी हमे जरी रखना है.

पीपल बाबा कहते हैं कि हमारे एक-एक स्वयं सेवक अपने दिन की शुरुआत पेड़ों के बीच रहकर वर्षों से कर रहे हैं. वो घरों में बैठनें के बजाय सोशल डिस्टेंसिंग को फॉलो करते हुए इसे जारी रखने का फैसला लिया था.

कोरोना से लड़ने में पेड़ सहायक 

पीपल बाबा का कहना है कि “पेड़ अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं” पेड़ लकड़ी, फल, फूल, औषधि, उधोगों के लिए कच्चे माल का जरिया हैं. इसके साथ-साथ पेड़ अपने जीवन काल में करोड़ों की ऑक्सीजन देते हैं. उद्योगों से हमारे वातावरण में आने वाली जहरीली गैस को पेड़ अवशोषित कर बदले में ऑक्सीजन देते हैं. ये पेड़ भगवान शिव के साक्षात प्रतिबिम्ब हैं जो सृष्टि को बचानें के लिए विष भी पीते हैं.

202 जिलों में लगाए पेड़

देश के 202 जिलों और 18 राज्यों में 2 करोड़ से ज्यादे पेड़ लगा चुके पीपल बाबा की टीम का कोरोना महामारी के आने के बाद भी वृक्षारोपण का काम लगातार कर रही है. लेकिन बीच में पेड़ों की सैप्लिंग समाप्त होने पर कार्य रुकने की सम्भावना बढ़ने लगी थी. लॉकडाउन के कारण उन्होंने बड़े अधिकारियों से बात कर यह समझाया कि उन्हें दिल्ली से हरिद्वारा जाने दिया जाए, क्योंकि उनका काम प्राणी मात्र के लिए है.

हर नागरिक लगाए पेड़

पीपल बाबा कहते हैं कि इस समय पूरे देश में काम बंद है. इस समय देश के हर नागरिकों को एक-एक पेड़ जरूर लगाना चाहिए. इस प्रयास से कोरोना के कारण हमारी अर्थव्यवस्था में आने वाली सामयिक गिरावट की भरपाई आने वाले समय में साफ पर्यावरण से की जा सकती है. पीपल बाबा भारत सरकार और देश के सभी प्रदेश सरकारों के लिए भी एक सुझाव देते हुए कहते हैं कि मनरेगा के तहत ज्यादे से ज्यादे पेड़ लगाकर श्रमिकों के रोजगार सृजन का रास्ता खोलें.