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राज्यपाल सत्यपाल मालिक ने पीडीपी को बताया डूबता जहाज, पार्टी ने की निंदा

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री मेहबूबा मुफ्ती के सेना पर दिए गए बयान को लेकर राज्यपाल ने कड़ी निंदी की.

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री मेहबूबा मुफ्ती के सेना पर दिए गए बयान को लेकर राज्यपाल ने कड़ी निंदी की.

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ruchika sharma
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राज्यपाल सत्यपाल मालिक ने पीडीपी को बताया डूबता जहाज, पार्टी ने की निंदा

जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक (फाइल फोटो : IANS)

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री मेहबूबा मुफ्ती के सेना पर दिए गए बयान को लेकर राज्यपाल ने कड़ी निंदी की. उन्होंने पीडीपी को डूबता जहाज़ बताकर मुफ़्ती के बयान को गंभीरता से नहीं लेने के लिए कहा. इस मसले पर पार्टी की प्रतिक्रिया सामने आई है. पीडीपी के वरिष्ठ नेता सरताज मदनो ने मलिक पर संवैधानिक पद की गरिमा को कम करने का आरोप लगाया. उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि स्थिति इतनी चिंताजनक हो गयी है कि राज्यपाल कार्यालय का मज़ाक बन गया है.

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उन्होंने कहा, 'राज्यपाल का पद संवैधानिक होता है और इसकी गरिमा होती है. एक राज्यपाल से उम्मीद की जाती है कि वह बिना डर और पूर्वाग्रह के निष्पक्ष कार्रवाई करे.' पीडीपी नेता ने कहा, 'हालांकि, जम्मू-कश्मीर में पिछले कुछ महीनों से राजभवन द्वारा स्पष्ट पक्षपात होता दिखाई दे रहा है.' उन्होंने कहा, 'राज्यपाल राजनीतिक बयान दे रहे हैं और जनता को विशेष राजनीतिक दल के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं.'

मानवाधिकार उल्लंघन पर पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती के बयान पर मालिक ने कहा था, 'किसी को भी महबूबा मुफ्ती के बयान को गंभीरता से नहीं लेना चाहिए. पीडीपी टूट रही है और वह सुरक्षाबलों और देश की राजनीतिक प्रणाली के खिलाफ बयान देकर अपनी पार्टी को बचाने की कोशिश कर रही है.' पत्रकारों से बातचीत के दौरान मलिक ने कहा, 'महबूबा मुफ्ती भारत-विरोधी भावनाओं को भड़काकर सत्ता में आना चाहती है. किसी को भी उनके बयान को गंभीरता से नहीं लेना चाहिए. उनका यह बयान सुरक्षाबलों के मनोबल पर कोई असर नहीं पड़ेगा.'

और पढ़ें: सेना पर महबूबा मुफ्ती के बयान पर बोले राज्यपाल सत्यपाल मलिक, खराब हाल में PDP, गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं

महबूबा के बयान पर बवाल

महबूबा ने ट्विटर पर तौसीफ वानी की एक तस्वीर शेयर करते हुए कश्मीर को राजनीतिक मुद्दा बताया. उन्होंने लिखा, 'कश्मीर के मुद्दे को सैन्य ताकत के बल पर नहीं सुलझाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि सेना को उनकी बहादुरी के लिए हीरो की तरह पेश किया जाता है. लेकिन, अगर वे मानवाधिकार उल्लंघन करते हैं तो उन्हें भी जिम्मेदार ठहराए जाने की जरुरत है.'

Source : News Nation Bureau

Satya Pal Malik jammu-kashmir Mehbooba Mufti
      
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