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गणतंत्र दिवस के मौके पर विपक्ष ने निकाली 'संविधान बचाओ' मोर्चा, कहा- बरकरार रखें समानता और भाईचारा

विपक्षी नेता शरद पवार, शरद यादव, डी राजा, हार्दिक पटेल, उमर अबदुल्ला, दिनेश त्रिवेदी, सुप्रिया सुले और सुशील कुमार शिंदे जैसे नेताओं ने बैठक की और 'संविधान बचाओ' मार्च में हिस्सा लिया।

Updated on: 26 Jan 2018, 04:36 PM

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद फिल्म पद्मावत को लेकर देश के अलग-अलग हिस्सों में जिस तरह से हिंसा भड़की उसको लेकर अब विपक्ष एकजुट होता नजर आ रहा है।

शुक्रवार को विपक्षी नेता शरद पवार, शरद यादव, डी राजा, हार्दिक पटेल, उमर अबदुल्ला, दिनेश त्रिवेदी, सुप्रिया सुले और सुशील कुमार शिंदे जैसे नेताओं ने बैठक की और 'संविधान बचाओ' मार्च में हिस्सा लिया।

ये बैठक महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता राधाकृष्ण वीखे के अधिकारिक आवास पर बुलाई गई थी। इस बैठक को 2019 लोकसभा चुनाव के नज़रिये से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

इस मौके पर एनसीपी (नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी) नेता प्रफुल्ल पटेल, डीपी त्रिपाठी और पूर्व सांसद राम जेठ मलानी भी हिस्सा लेने पहुंचे। वहीं तृणमूल कांग्रेस की तरफ से पूर्व रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी पार्टी का प्रतिनिधित्व कर रहे थे।

मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा, 'गणतंत्र दिवस पर सभी देशवासियों को बधाई। वह एक महत्वपूर्ण दिन था, जब भारत ने समय से बहुत आगे के सिद्धांतों और मूल्यों का अंगीकार किया था। हमें इन्हें और आगे बढ़ाना चाहिए और हर नागरिक के लिए सही मायने में समानता सुनिश्चित करनी चाहिए।'

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येचुरी ने ट्वीट कर कहा, 'हमने 68 वर्ष पहले इसी दिन अपने संविधान को अपनाया था। इसका मूलभूत सिद्धांत - (आजादी के साथ) समानता का अधिकार है, जो आज गंभीर खतरे में है। हमें आज समानता और भाईचारे के स्तरों से परे जाने की जरूरत है, न कि पीछे जाने की।'

इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गणतंत्र दिवस के मौके पर समस्त देशवासियों को बधाई देते हुए संविधान को बचाने की अपील की।

उन्होंने देश वासियों के नाम एक खुला पत्र लिखते हुए कहा, 'गणतंत्र दिवस के मौके पर समस्त देशवासी स्वतंत्रता, न्याय बराबरी और भाई चारा को बचाए रखने की कसम लें।'

इसके साथ ही राहुल गांधी ने कहा है कि संविधान के संकल्पों की रक्षा करने की आज ज़रूरत ज्यादा है।

उन्होंने लिखा है, 'संविधान जो हमारे गणतंत्र का मूल है और नागरिकों की रक्षा करता है और वो जब भी खतरे में पड़े तो उसकी रक्षा करने की हमें इस गणतंत्र दिवस पर कसम लेनी चाहिये।'

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